स्लीपर बस के परिचालक और खलासी की करतूत की गूंज दिल्ली से लेकर कानपुर तक गूंजी। फिरोजाबाद पुलिस की सक्रियता से गौतमबुद्धनगर से कानपुर तक की पुलिस सक्रिय हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी से लेकर आईजी, डीआईजी तक के कार्यालय एक्टिव मोड पर आ गए। सभी कार्यालयों से एसएसपी से पल-पल की रिपोर्ट मांगी जाने लगी। यही कारण रहा कि पांच घंटे में ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
चलती स्लीपर कोच बस में किशोरी से दुष्कर्म और उसकी मां से छेड़छाड़ की घटना की जानकारी पर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक के अधिकारी सक्रिय हो गए। स्वयं आईजी और डीआईजी के स्तर के अधिकारी घटना पर नजर बनाए रहे।
जिले के एसएसपी अशोक कुमार शुक्ला ने दिल्ली से लेकर कानपुर तक पांच टीमें लगाकर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछा दिया। हर स्तर पर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीमें काम करने लगीं। डॉग स्क्वैड को बुला कर बस को चेक कराई। फील्ड यूनिट ने भी बस से नमूने एकत्रित किए। इसके बाद महिला थाना प्रभारी सविता सैंगर ने भी पीड़िता किशोरी और उसकी मां से पूछताछ की। किशोरी ने अपने साथ दुष्कर्म की घटना की जानकारी दी। दोनों का मेडिकल कराया गया है।
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पत्रकार वार्ता में एसएसपी अशोक कुमार शुक्ल ने बताया कि पूछताछ में जानकारी हुई कि पीड़िता की मां बबलू और अंशू को जानती है। उसके मोबाइल में बबलू का नंबर भी फीड है। पूछताछ में महिला ने बताया कि पहले वह बबलू और अंशू की केबिन में गई थी लेकिन बबलू ने छेड़छाड़ की तो वह नीचे उतर आई। हालांकि बाद में अंशू ने बेटी को केबिन में बुला लिया और उसके साथ घटना को अंजाम दिया। बेटी को केबिन में देखकर महिला ने बस के परिचालक बबलू से कहा था कि बबलू तुमने मेरे साथ विश्वासघात किया है। मेरी बेटी को भी नहीं छोड़ा। इसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ और मामला बढ़ता चला गया।
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