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किसान आंदोलन

नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन लगभग सात महीने के विरोध प्रदर्शन को पूरा करने वाला है। किसानों के संगठन एसकेएम के अनुसार, स्थानीय क्षेत्रों में ग्रामीण और खाप प्रदर्शनकारियों का यथासंभव समर्थन कर रहे हैं। मोर्चा भी स्थानीय लोगों की चिकित्सा सहायता के साथ अन्य कई तरह की सहायता प्रदान कर रहा है। एसकेएम ने 30 जून को सभी सीमाओं पर हूल क्रांति दिवस मनाने का निर्णय लिया है। उस दिन आदिवासी क्षेत्रों के सदस्यों को धरना स्थलों पर आमंत्रित किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बयान जारी कर कहा, सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर अवस्थित गांव सेलेगर के आदिवासियों को अपना पूरा समर्थन दिया है। जो क्षेत्र में सीआरपीएफ शिविर स्थापित करने के सरकार के फैसले के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह भूमि संविधान की पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आती है और भूमि को ग्राम सभा के किसी रेफरलध्निर्णय के बिना लिया जा रहा है।17 मई को विरोध प्रदर्शन करने वाले आदिवासियों पर पुलिस फायरिंग की निंदा करते हैं, जिसमें तीन आदिवासियों की मौके पर ही मौत हो गई, एक घायल गर्भवती आदिवासी की बाद में मौत हो गई, 18 अन्य घायल हो गए और अभी तक 10 लापता हैं।

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दूसरी ओर, एसकेएम ने हरियाणा में भाजपा, जजपा नेताओं के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन जारी रखने और 21 जून को इन नेताओं के प्रवेश का विरोध करने का फैसला किया है।इसके अलावा, जीटी रोड जिलों से एआईकेएस, एआईएडब्ल्यूयू और सीटू के कार्यकर्ताओं का एक बड़ा दल आज सिंधू सीमा मोर्चा पहुंचा। इसी तरह और अनेक प्रदर्शनकारी गाजीपुर बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर स्थलों पर भी पहुंच रहे हैं।

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