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दिल्ली पुलिस की एफआईआर में न्यूजक्लिक को लेकर बड़ी बात सामने आई। चीनी साजिश से लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ कनेक्शन का भी पता चला है। आरोप है कि न्यूजक्लिक ने चीनी कंपनियों से मिले करोड़ों रुपये का भारत की अंखड़ता संप्रभुता क्षेत्रीय अंखडता को बाधित करने में इस्तेमाल किया। कई चीनी मोबाइल निर्माता कंपनियां और इनसे जुड़ी अन्य फर्जी कंपनियों के जरिये पैसा न्यूजक्लिक तक पहुंचा।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चीन के पक्ष में प्रायोजित खबरें चलाने के लिए चीनी कंपनियों के जरिये करोड़ों रुपये की फंडिंग लेने के मामले में मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक के कार्यालय और उससे जुड़े पत्रकारों के यहां मंगलवार को छापेमारी की थी। पुलिस ने न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार भी किया है।

दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के खिलाफ यूएपीए के तहत गत 17 अगस्त को एफआईआर दर्ज की है, उसमें चीनी साजिश से लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ कनेक्शन का भी पता चला है। एफआईआर के मुताबिक, किसान आंदोलन, कोरोना महामारी से लेकर जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश तक के मामलों में भारत को बदनाम करने की साजिश रची गई।

न्यूजक्लिक ने चीनी कंपनियों से मिले करोड़ों रुपये का भारत की अंखड़ता, संप्रभुता, क्षेत्रीय अंखडता को बाधित करने में इस्तेमाल किया। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और आईपीसी धारा 153ए (दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था।

पुलिस का कहना है कि अमेरिका स्थित वर्ल्डवाइड होल्डिंग्स एलएलसी से अप्रैल 2018 से पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को अवैध तरीके से करोड़ों रुपये मिले। इसके लिए कई चीनी मोबाइल निर्माता कंपनियां और इनसे जुड़ी अन्य फर्जी कंपनियों के जरिये पैसा न्यूजक्लिक तक पहुंचा।यह भी पता चला कि गौतम नवलखा वर्ष 1991 से प्रबीर पुरकायस्थ के साथ जुड़े हुए हैं, जब उन्होंने सागरिक प्रोसेस एनालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया था। एफआईआर में कहा गया है कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली है कि प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल राय सिंघम और इसकी पत्नी नेविल राय सिंघम के स्वामित्व वाली शंघाई स्थित कंपनी स्टारस्ट्रीम के कुछ अन्य चीनी कर्मचारियों ने मेल का आदान-प्रदान किया।

जिसका विश्लेषण करने पर पता चलता है कि आरोपित इस बात पर चर्चा करते थे कि कश्मीर के बिना भारत का नक्शा कैसे दिखाया जाए। साथ ही अरुणाचल प्रदेश को विवादित इलाके के रूप में कैसे दिखाया जा सकता है। इस मकसद को हासिल करने के लिए आरोपितों ने गत पांच वर्ष में 116 करोड़ रुपये से ज्यादा लिए थे। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि अवैध विदेशी फंडिंग के जरिए किसान आंदोलन को लंबा खींचकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और नष्ट करने की साजिश भी रची गई थी।साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फार डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म संगठन के साथ मिलकर साजिश रची थी। दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में कहा है कि आरोपितों की इस तरह की कोशिशों से वैश्विक और घरेलू स्तर पर बड़ी साजिश का पता चलता है कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित इलाके हैं।

भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ छेड़छाड़ और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश के भारत के हिस्सों के रूप में न दिखाना एकता और अखंडता को कमजोर करने की मंशा से किया गया कृत्य है। पुलिस ने कहा कि अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड को प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगियों जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती (अमित चक्रवर्ती के भाई), बप्पादित्य सिन्हा (वर्चुनेट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर) द्वारा निकाल लिया गया है। यह भी पता चला है कि ये पैसा तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों गौतम नवलखा, जावेद आनंद, तमारा, जिब्रान, उर्मिलेश, अरात्रिका हलदर, परंजय गुहा ठाकुरता, त्रिना शंकर, अभिसार शर्मा आदि दी गई थी।

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