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दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज 15वां दिन है। हैदराबाद से प्लाज्मा कटर लाया गया है। इसके साथ ही बीएसएनएल ने भी फंसे मजदूरों तक लैंडलाइन की सुविधा दे दी है।

उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग के घुप अंधेरे से जब भी कोई उम्मीद की किरण नजर आई तो वह ज्यादा देर तक खुशी के माहौल को रोशन नहीं रख पाई। 12 नवंबर की सुबह 5:30 बजे से लगातार ऑपरेशन सिलक्यारा को अंजाम तक पहुंचाने की नाकाम कोशिश रविवार तक जारी है। 41 मजदूरों को मलबे से बाहर निकालने की राह पहले दिन जितनी आसान लग रही थी,15वें दिन आने तक वहां डगर बेहद मुश्किल हो गई। सुरंग में फंसे मजदूरों का दर्द केरल के समीर करिम्बा को सिलक्यारा खींच लाया। समीर मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में हाथ बंटाना चाहते हैं। लेकिन तकनीकी जानकारी और बाध्यताओं के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि वह यहां तैनात आईटीबीपी व पुलिस के जवानों के लिए अलाव की व्यवस्था करने में सहायता कर रहे हैं।आज नाश्ते में सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को दलिया और दूध दिया गया। जबकि दिन के खाने में आलू, सोयाबीन व बींस की सब्जी, रोटी, मूंग की दाल व चावल भेजा गया है।

माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि प्लाज्मा मशीन से हम अभी भी बरमा काट रहे हैं। इसे काटने के लिए बरमा से लगभग 16 मीटर अधिक है। यह प्लाज्मा मशीन फायदेमंद है क्योंकि यह स्टील को तेजी से काट देगा।अंतर्राष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि बरमा मशीन विफल हो गई, और हमें पाइप से बरमा निकालने में कई तकनीकी कठिनाइयाँ हो रही हैं। इसे काटने की प्रक्रिया आज सुबह बहुत तेजी से चल रही है। प्लाज़्मा कटर आ गए हैं। बचाव कार्य में लगे लोग प्लाज़्मा कटर के साथ एक पाइप में अंदर जा रहे हैं और इसके टुकड़े-टुकड़े कर रहे हैं। एक बार, हमें बरमा मिल गया है। फिर हम अंदर जा सकते हैं। पाइप पर एक नज़र डाल देख सकते हैं कि वह किस स्थिति में है। और फिर हम आकलन कर सकते हैं कि आगे क्या होगा।सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे बीआरओ के एक अधिकारी के वाहन की बस से भिड़ंत हो गई। हादसे में अधिकारी सहित एक जवान घायल हो गए। घायल बीआरओ के कमांडर आरएस राव और जवान को प्राथमिक उपचार दिया गया।

उत्तरकाशी में जारी रेस्क्यू अभियान में अब बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ समेत कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। ऐसे में सिलक्यारा टनल में चल रहे राहत कार्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हैदराबाद से लाई गई प्लाज़्मा मशीन ने सुबह से काम करना शुरू कर दिया है। तेजी से कटाई चल रही है। 14 मीटर और कटना बाकी है। बरमा मशीन को काटकर बाहर लाना है। ऐसा लगता है कि यह जल्द ही पूरा हो जाएगा। कुछ ही घंटों में। उसके बाद मैनुअल ड्रिलिंग शुरू हो जाएगी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर के श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। एरी सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों में से एक हैं। उन्होंने परिवार के लोगों को आश्वासन दिलाया कि ऐरी सुरक्षित बाहर आएंगे।

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