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डीजीपी के लिए निर्धारित सेवा अवधि की शर्तों को यूपीएससी ने शिथिल करते हुए 25 वर्ष कर दिया तो अभिनव भी इस दायरे में आ गए। इसी के साथ वह उत्तराखंड पुलिस के नए कार्यवाहक डीजीपी बन गए। कल गुरुवार को वह पदभार ग्रहण करेंगे।

अभिनव कुमार अग्रिम आदेशों तक उत्तराखंड के नए कार्यवाहक डीजीपी होंगे। देर शाम शासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है। इससे पहले वह हरिद्वार और देहरादून पुलिस कप्तान रहे हैं। कुछ महीनों तक उन्होंने आईजी गढ़वाल के पद पर सेवा दी है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ में सेवा दी। जिस वक्त जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई गई, अभिनव कुमार के हाथ में कमान थी।अभिनव कुमार मीडिया में अक्सर अपने बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। उनका नौ साल पहले सत्यमेव जयेत में प्रोग्राम में पुलिस को लेकर दिया बयान अब तक चर्चा में रहता है। अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से पुलिस की तरफ से माफी मांगने के लिए भी पत्र लिखा था। वर्तमान में वह मुख्यमंत्री के विशेष सचिव हैं। उत्तराखंड गठन के बाद अभिनव कुमार यहां आ गए थे। यहां उन्होंने विभिन्न जिलों की कप्तानी भी संभाली। वह 2009 में डीआईजी और 2014 में आईजी बने।

आईपीएस अभिनव कुमार आईटीबीपी में जम्मू कश्मीर में तैनात रहे। जिस वक्त जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई गई तब घाटी में कमान उन्हीं के हाथ में थी। डीजीपी के लिए निर्धारित सेवा अवधि की शर्तों को यूपीएससी ने शिथिल करते हुए 25 वर्ष कर दिया तो अभिनव भी इस दायरे में आ गए। पिछले दिनों एडीजी दीपम सेठ और पीवीके प्रसाद के साथ उनका नाम भी पैनल में भेज दिया गया।

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