मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों 2023 के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. इससे पहले तमाम एग्जिट पोल के नतीजे सामने हैं. वोटर्स से मिले इन रुझानों में राजस्थान में बीजेपी और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत होती दिख रही है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दूसरी बार सीएम बन सकते हैं. जबकि राजस्थान में उनके समकक्ष अशोक गहलोत को अपनी सत्ता गंवानी पड़ सकती है. सबसे ज्यादा 230 सीटों वाले मध्य प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार बनने के आसार हैं, यहां कांग्रेस को थोड़ी बढ़त मिलती दिख रही है. मिजोरम में ZPM को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है. सीएम जोरामथंगा की पार्टी MNF को सिर्फ 3-7 सीटें मिलने के आसार हैं. जबकि तेलंगाना में केसीआर के हाथ से सत्ता फिसलती दिख रही है.
मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों में बीजेपी को 124 सीटें मिलने का अनुमान है. यानी बीजेपी राज्य में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनेगी. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 102 सीटें मिलने का अनुमान है. BSP+ के खाते में जीरो सीट और अन्य पार्टियों के खाते में 4 सीटें जाती दिख रही हैं. मध्य प्रदेश में बहुमत का आंकड़ा 116 है. छत्तीसगढ़ की सभी 90 सीटों के नतीजे सामने हैं. इनमें से कांग्रेस को 49 सीटें मिलती दिख रही हैं. यानी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की फिर से सरकार बनने का अनुमान है. जबकि बीजेपी को 38 सीटें मिलती दिख रही हैं. यानी छत्तीसगढ़ में बीजेपी का इंतजार 5 साल के लिए बढ़ सकता है. दूसरी पार्टियों की बात करें, तो BSP+ के खाते में जीरो सीट जाती दिख रही हैं. जबकि अन्य के खाते में 3 सीटें मिलने का अनुमान है. छत्तीसगढ़ में बहुमत का आंकड़ा 46 है.राजस्थान में सत्ता बदलने का रिवाज बरकरार रह सकता है. यानी जनता ने इस बार कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी पर भरोसा जताया है. पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, राजस्थान की 199 सीटों में से बीजेपी को 104 सीटें मिलती दिख रही हैं. इसका मतलब साफ है कि बीजेपी को राज्य में पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान है. इसके साथ ही कांग्रेस + को 85 सीटें मिलती दिख रही हैं. अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो अशोक गहलोत को सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ सकती है. राज्य में बहुमत का आंकड़ा 101 है. बता दें कि राजस्थान की कुल 200 सीटों में से एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गए हैं.पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम की बात करें, तो यहां जोरम पीपुल्स मूवमेंट यानी ZPM की सरकार बनती दिख रही है. 74 वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा के नेतृत्व में ZPM के पक्ष में ज़बरदस्त लहर है. NDTV पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, ZPM को कुल 40 में से 17 सीटें मिलती दिख रही हैं. जबकि मौजूदा सत्ताधारी पार्टी जोरमंथागा की MNP के हिस्से में 14 सीटें जाती दिख रही हैं. 7 सीटों के साथ कांग्रेस तीसरी पार्टी बनकर उभर सकती है. भगवा पार्टी बीजेपी के खाते में 1 सीट मिलने का अनुमान है. जबकि अन्य के खाते में 1 सीट जाने का अनुमान लगाया गया है. यहां बहुमत का आंकड़ा 21 है.
दक्षिण राज्य तेलंगाना में इसबार बड़ा उलटफेर होने के आसार दिख रहे हैं. तेलंगाना की 119 सीटों में के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) को 44 सीटें मिलने का अनुमान है. कांग्रेस + के खाते में 62 सीटें जाती दिख रही हैं. यानी अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो केसीआर को राज्य बनने के बाद से पहली बार सत्ता गंवानी पड़ सकती है. तेलंगाना में बीजेपी की बात करें, तो इसे BJP+ को 7 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं, ओवैसी की पार्टी AIMIM के खाते में 5 सीटें जा सकती हैं. जबकि अन्य को 1 सीट मिल सकती है. तेलंगाना में बहुमत का आंकड़ा 60 है.बागी नेताओं की बात करें तो राजस्थान के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी 10 से 15 सीटें ला सकते हैं, लेकिन 2018 की तरह किंगमेकर नहीं बन पाएंगे. क्योंकि बीजेपी पूर्ण बहुमत अपने दम पर लाती दिख रही है.मध्य प्रदेश में भी निर्दलीय और बागी 15 सीटों के साथ किंगमेकर बन सकते हैं. यहां लगभग 2018 के नतीजों जैसी ही स्थिति है. उस समय कांग्रेस ने निर्दलीय और बागियों के समर्थन से सरकार बनाई थी.छत्तीसगढ़ में भी दोनों मुख्य पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के बागी, अमित जोगी की जनता कांग्रेस और निर्दलीय करीब 10 सीटें पा सकते हैं, लेकिन सरकार बनाने में इनकी कोई भूमिका नजर नहीं आती.मिजोरम में अगला सीएम कौन होगा, इसे लेकर भी स्थिति साफ दिख रही है. 40 फीसदी लोगों की पसंद लालदुहोमा हैं. वहीं मौजूदा सीएम जोरमथांगा को सिर्फ 17 फीसदी लोगों ने बतौर अगला मुख्यमंत्री पसंद किया है.
मिजोरम में 7 नवंबर को वोटिंग कराई गई थी. छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को मतदान हुआ. मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को वोट डाले गए. राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान कराए गए. तेलंगाना में 30 नवंबर को वोटिंग हुई.