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107 पाक जायरीनों में दो दूतावास से हैं। जायरीन उर्स में होने वाली मुख्य रस्मों में शामिल होंगे और दरगाह साबिर पाक पर चादर और फूल पेश करेंगे।

साबिर पाक के 755वें सालाना उर्स में शामिल होने के लिए 107 पाक जायरीनों का जत्था मंगलवार को रुड़की रेलवे स्टेशन पहुंचा। रुड़की से कड़ी सुरक्षा के बीच रोडवेज की बसों से उन्हें कलियर पहुंचाया गया। यहां उन्हें साबरी गेस्ट हाउस में ठहराया गया है।

इस दौरान पाक जायरीन का फूल मला पहनाकर स्वागत किया गया। 107 पाक जायरीनों में दो दूतावास से हैं। जायरीन उर्स में होने वाली मुख्य रस्मों में शामिल होंगे और दरगाह साबिर पाक पर चादर और फूल पेश करेंगे। इसके बाद दो अक्तूबर को पाकिस्तानी जायरीन अपने वतन रवाना होंगे।

दरगाह हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर का सालाना उर्स धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच रहा है। हर घंटे सैकड़ों की संख्या में जायरीन कलियर पहुंच रहे हैं। साथ ही उर्स में दुकानें भी सज गई हैं।कलियर में इस्लामी कैलेंडर के रबी उल अव्वल की पहली तारीख से सालाना उर्स का आगाज हो जाता है। इसमें बड़ी संख्या में अलग-अलग सामान बेचने वाले कारोबारी आते हैं। इनमें जेवर, क्रॉकरी, तांबा-पीतल, चीनी-मिट्टी के बर्तन कारोबारी कलियर शरीफ के मेले में दुकानें लगाते हैं। इसके अलावा कई नामी होटल भी आते हैं। सालाना उर्स हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का जरिया भी है।

उर्स में लगने वाले झूले सर्कस लगकर तैयार हो चुके हैं। सालाना उर्स में देश-विदेश से लाखों जायरीन जियारत करने के लिए पहुंच रहे हैं। झूला सर्कस लगने से मेले की रौनक अधिक बढ़ जाती है। इसका मेले में आने वाले लोग लुत्फ उठाते हैं। इसके लिए प्रशासन हर साल ठेका छोड़ता है।

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