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कनाडा की संसद में नाज़ियों की तरफ़ से लड़ने वाले पूर्व सैनिक का सम्मान किए जाने के मामले में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने माफ़ी मांगी है.ट्रूडो ने कहा, ”ये एक ग़लती थी, जिससे देश और संसद दोनों शर्मिंदा हुए. सदन में मौजूद हम सभी लोगों को खेद है कि हमने खड़े होकर ताली बजाई और सम्मान किया. हालांकि हमें संदर्भ नहीं पता था.”ट्रूडो बोले, ”नाज़ियों के किए जनसंहार में मारे गए लाखों लोगों की यादों का ये भयानक अपमान है.”ट्रूडो ने कहा कि पूर्व सैनिक यारस्लोव हुंका का संसद में सम्मान किया जाना दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाज़ियों के निशाने पर रहे यहूदियों, पोल्स, रोमा और एलजीबीटी कम्युनिटी के लिए बेहद पीड़ादायक था.

इसके बाद जस्टिन ट्रूडो की मौजूदगी में संसद में मौजूद लोगों ने खड़े होकर हुंका का ताली बजाकर सम्मान किया था.बाद में जब ये पता चला कि हुंका तो नाज़ियों की तरफ़ से लड़े थे तो स्पीकर ने माफ़ी मांगी थी और कहा था कि ये फ़ैसला उनका था और इस बारे में किसी और को कुछ नहीं मालूम था.इस मामले में एंथनी रोटा ने स्पीकर के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.

जेलेंस्की ख़ुद भी यहूदी हैं. जब हुंका का कनाडा की संसद में सम्मान किया गया तब वो भी मौजूद थे.ज़ेलेंस्की के बारे में ट्रूडो कहते हैं, ”ज़ेलेंस्की को इसमें शामिल किए जाने को लेकर हम माफ़ी चाहते हैं.”हुंका के सम्मान में खड़े ज़ेलेंस्की की तस्वीर रूस में यूक्रेन के ख़िलाफ़ जारी अभियान में इस्तेमाल की जा रही है.ट्रूडो ने बताया कि हमने राजनयिक माध्यमों से ज़ेलेंस्की से माफ़ी मांगी है.सीबीसी न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक़, सूत्रों ने बताया है कि ट्रूडो ने अपने सांसदों से इस मुद्दे पर मीडिया से बात करने के लिए मना किया है और कहा है कि इस मुद्दे पर चुप रहेंगे तो ये अपने आप ठंडे बस्ते में चला जाएगा.

ट्रूडो की माफ़ी कनाडा के विपक्षी दल कन्जर्वेटिव पार्टी के नेता पियर पॉलिवेयर के घेरने के बाद आई है.पॉलिवेयर ने कहा था, ”ज़ेलेंस्की के ऐतिहासिक संबोधन में हुंका को बुलाया जाना देश के इतिहास की सबसे बड़ी राजनयिक शर्मिंदगी है.”स्पीकर एंथनी रोटा के पूरी ज़िम्मेदारी लेने के बावजूद पॉलिवेयर ने ट्रूडो को इस घटना के लिए ज़िम्मेदार बताया.रोटा ने हुंका को कनाडा का हीरो बताया था.हुंका उस फर्स्ट यूक्रेनियन डिविजन का हिस्सा थे, जो हिटलर की सेना की वॉलेंटियर यूनिट थी.

पॉलिवेयर ने संवाददाताओं से कहा कि ज़ेलेंस्की की कनाडा यात्रा को सफल बनाना ट्रूडो की ज़िम्मेदारी थी और हुंका को संसद में सम्मानित किए जाने से वैश्विक स्तर पर देश की छवि ख़राब हुई है.पॉलिवेयर ने कहा, ”अगर प्रधानमंत्री और उनका विशाल तंत्र ढंग से काम कर रहा होता तो हर व्यक्ति के बारे में पता किया जाना चाहिए था. ट्रूडो का संसद या देश की तरफ़ से माफ़ी मांग लेना काफ़ी नहीं है. ट्रूडो को इसे व्यक्तिगत तौर पर लेना चाहिए.”पॉलिवेयर ने कहा, ”क्या ट्रूडो इस शर्मिंदगी की ज़िम्मेदारी ख़ुद लेते हुए व्यक्तिगत तौर पर माफ़ी मांगेंगे?”ट्रूडो ने इस पर कहा कि ये सही नहीं है कि प्रधानमंत्री कार्यालय तय करे कि संसद के अंदर कौन आएगा और कौन नहीं?ट्रूडो कहते हैं, ”संसद के अंदर बुलाए गए लोगों के बारे में अगर पीएम कार्यालय पता करने लगेगा तो ये सांसदों के अधिकारों पर हमला होगा.

लंबे वक़्त तक सांसद रहे पॉलिवेयर को पता होना चाहिए कि संसद कैसे काम करती है. पॉलिवेयर को मालूम होना चाहिए कि स्पीकर स्वतंत्र होता है कि वो किसी सदन में बुला रहा है और किसे नहीं. संसद के बारे में इतना कम ज्ञान होना अपमानजनक है.”ट्रूडो ने विपक्ष को घेरते हुए कहा, ”पॉलिवेयर के कुछ सांसद इस साल की शुरुआत में घोर दक्षिणपंथी जर्मन नेता क्रिस्टिन एंडरसन के साथ खाना खाते दिखे थे.”एंडरसन मुस्लिम विरोधी विचारधारा और नाज़ियों के जनसंहार को कम करके आंकने के लिए जाने जाते रहे हैं.ट्रूडो बोले, ”आज तक उस बात के लिए विपक्ष के नेता ने माफ़ी नहीं मांगी है. जर्मन नेता से मिलने वाले तीन सांसदों के ख़िलाफ़ न कोई कार्रवाई हुई न ही माफ़ी मांगी गई. अगर नेता विपक्ष चाहते हैं कि उनके तीन सांसद किस घोर दक्षिणपंथी जर्मन नेता से मिले थे, तो सरकार उनके बारे में बताने और सलाह देने में ख़ुशी महसूस करेगी.”कन्जर्वेटिव पार्टी के सांसद जेम्स बेज़न ने भी संसद में पीएम ट्रूडो से माफ़ी मांगने के लिए कहा. इसके बाद ट्रूडो भी विपक्ष पर आक्रामक दिखे.

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