भारत के पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी (Former India captain Bishan Singh Bedi) का निधन हो गया है. 77 साल की उम्र में बिशन सिंह बेदी ने आखिरी सांस ली है. भारत के पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी (Former India captain Bishan Singh Bedi) का निधन हो गया है. 77 साल की उम्र में बिशन सिंह बेदी ने आखिरी सांस ली है. भारत के लिए बिशन सिंह बेदी ने 67 टेस्ट मैच खेला था और कुल 266 विकेट लेने में सफल रहे थे. बिशन सिंह बेदी अपनी बेहतरीन स्पिन गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे. उन्होंने भारत के लिए 22 टेस्ट मैचों में कप्तानी भी की थी. भारत के लिए बेदी जी 1966 से लेकर 1979 तक खेले थे. उनका जन्म 25 सितंबर 1946 को अमृतसर में हुआ था. बता दें कि बिशन सिंह बेदी 60 और 70 के दशक की मशहूर भारतीय स्पिन चौकड़ी का हिस्सा थे, जिसने दुनिया भर में कहर बरपाया था. इरापल्ली प्रसन्ना और श्रीनिवास वेंकटराघवन और भागवत चन्द्रशेखर के साथ मिलकर Bishan Singh Bedi ने स्पिन गेंदबाजी का खौंफ विरोधी बल्लेबाजों पर पैदा कर दिया था.
भारतीय बाएं हाथ के स्पिनर बिशन बेदी ने 1975 में पहले विश्व कप के दौरान हेडिंग्ले में पूर्वी अफ्रीका के खिलाफ शानदार गेंदाबजी की थी. उन्होंने अपने कोटे में 12 ओवर की गेंदबाजी के दौरान 8 मेडन के साथ 6 रन देकर 1 विकेट लिए थे. वहीं, इसके अलावा उन्होंने अपने फर्स्ट क्लास किकेट में कुल 1560 विकेट हासिल करने में सफलता हासिल की थी. बता दें कि टेस्ट में भारत के लिए 200 विकेट लेने वाले बिशन सिंह बेदी पहले गेंदबाज बने थे. बेदी 1990 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दौरे के दौरान कुछ समय के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे. वह राष्ट्रीय चयनकर्ता होने के साथ मनिंदर सिंह और मुरली कार्तिक जैसे कई प्रतिभाशाली स्पिनरों के गुरु भी थे.
Bishan Singh Bedi Death: स्पिन के जादूगर बिशन सिंह बेदी के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 1560 विकेट है. वह किसी दूसरे भारतीय खिलाड़ी के मुकाबले सबसे अधिक फर्स्ट क्लास विकेट लेने वाले गेंदबाज है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और स्पिन के जादूगर बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है. उन्होंने 77 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांसे लीं. बिशन सिंह बेदी साल 1966 से 1979 तक भारतीय टीम का हिस्सा रहे. 25 सितंबर 1946 को पंजाब के अमृतसर में जन्में बिशन सिंह बेदी भगवत चंद्रशेखर, ईरापल्ली प्रसन्ना और एस वेंकटराघवन की उस चौकड़ी का हिस्सा थे, जिन्होंने ना सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी बल्लेबाजों को अपनी गेंद पर नचाया. उन्होंने भारत के लिए 67 टेस्ट खेले और 266 विकेट लिए. बिशन सिंह बेदी ने कई मौकों पर टीम इंडिया के लिए कप्तानी भी की. बिशन सिंह बेदी ने 31 दिसंबर 1966 को वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में टेस्ट डेब्यू किया था.
स्पिन के जादूगर बिशन सिंह बेदी के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 1560 विकेट है. वह किसी दूसरे भारतीय खिलाड़ी के मुकाबले सबसे अधिक फर्स्ट क्लास विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. उन्होंने 370 फर्स्ट क्लास मैचों में 90354 गेंदें फेंकी हैं. इस दौरान उन्होंने 1560 विकेट झटके हैं. बिशन सिंह बेदी ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 106 मौकों पर एक पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया है तो 20 मौकों पर उन्होंने एक मैच में 10 विकेट हासिल किए हैं. बिशन सिंह बेदी ने लिस्ट ए के खेले 72 मैचों में 3686 गेंदें फेंकी हैं, जबकि 71 विकेट हासिल किए हैं. बिशन सिंह बेदी ने भारत के लिए 10 वनडे भी खेले हैं, जिसमें उन्होंने 7 विकेट हासिल किए हैं. बात अगर टीम इंडिया के लिए टेस्ट मैचों की करें तो उन्होंने 67 टेस्ट मैचों में 266 विकेट हासिल किए हैं. बिशन सिंह बेदी ने अपने टेस्ट करियर के दौरान 21364 गेंदें फेंकी हैं. टेस्ट में उन्होंने 14 बार एक पारी में पांच विकेट और 1 बार एक मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा किया है.
भारतीय टीम 1976 में वेस्टइंडीज के दौरे पर गई थी और इस सीरीज का तीसरा मुकाबला जो पोर्ट ऑफ स्पेन में खेला गया था, भारतीय टीम ने उसमें जीत दर्ज की थी. भारत की इस जीत से विश्व क्रिकेट चौंक गया था. इसके अगला मुकाबला किंग्सटन में खेला गया, जिसमें भारतीय खिलाड़ियों से वेस्टइंडीज से बदला लेने का मन बनाया. इसके चलते भारतीय खिलाड़ी चोटिल होकर अस्पताल पहुंचे. बिशन सिंह बेदी इस मैच में भारतीय टीम के कप्तान थे और खिलाड़ियों को बचाने के लिए भारतीय पारी घोषित कर दी. दूसरी पारी में टीम इंडिया ने सिर्फ 97 रन बनाए थे और उसके चार बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे. बिशन सिंह बेदी ने खिलाड़ियों को बचाने को प्राथमिकता से लिया, इसके चलते भारत को यह मैच गंवाना पड़ा था. भारतीय टीम 1978-79 में भारत के दौरे पर पाकिस्तान गई थी. पाकिस्तान इस सीरीज में 2-0 से आगे था. इस सीरीज का तीसरा मैच साहीवाल में खेला गया था, जिसमें भारत के कप्तान बेदी ने ‘बेहद अनुचित’ अंपायरिंग के कारण एक मैच को रद्द करने का फैसला किया, जिसे भारत जीत सकता था. पाकिस्तान को 205-7 पर रोकने के बाद भारत जीत की ओर अग्रसर था. जब 18 गेंदों में 23 रनों की आवश्यकता थी, तब सरफराज नवाज ने लगातार चार बाउंसर फेंके जो बल्लेबाज के सिर के ऊपर से गुजरे. किसी भी गेंद को वाइड नहीं कहा गया, जिससे बेदी नाराज हो गए. उन्होंने अपने बल्लेबाजों-अंशुमन गायकवाड़ और गुंडप्पा विश्वनाथ को वापस बुलाया और मैच हारने का फैसला लिया. बेदी के इस कदम पर विश्व क्रिकेट बंटा हुआ था.