Demo

दिल्लीवालों को जल्द ही वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है। दरअसल एक-दो दिन के अंदर पाकिस्तान में बन रहे पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में बने हवा के भारी दबाव से हवा चल सकती है। इससे दिल्ली की ठहरी हवा को गति मिल सकती है। हवा चलने से दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी।

दिल्ली-एनसीआर की घुट रही सांसों को पूरब की हवा से ऑक्सीजन मिल सकती है। एक-दो दिनों के भीतर राहत दिखने लग जाएगी। यह संभव होने जा रहा है पाकिस्तान में बन रहे पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में बने हवा के भारी दबाव से। दोनों स्थितियों के असर से दिल्ली में हफ्ते भर से ठहरी हुई हवा को गति मिलने जा रही है। हालांकि, पूर्व की ओर से आने वाली हवा की रफ्तार बहुत कम होगी, इसलिए राहत की मात्रा भी बहुत ज्यादा नहीं होगी। फिर भी दीवाली के बाद से अभी तक दिल्ली के घुटन भरे माहौल को नियंत्रित करने में काफी हद तक मदद मिल जाएगी।निजी एजेंसी स्काईमेट के प्रवक्ता महेश पलावत के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रहे गहरे दबाव (डीप डिप्रेशन) का असर व्यापक हो सकता है, क्योंकि लगभग इसी दौरान पाकिस्तान में पश्चिमी विक्षोभ की स्थितियां भी बन रही हैं। हालांकि, इसकी दिशा चीन की ओर दिख रही है, इसलिए इसके असर से उत्तर भारत के राज्यों में बारिश के संकेत नहीं हैं, लेकिन इसके असर से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

एनसीआर में गुरुवार से पूर्वी हवा चलने लग जाएगी। हवा की गति कमजोर रहेगी, लेकिन यह पंजाब एवं हरियाणा से आ रहे पराली के धुएं को दिल्ली के पहले ही रोक देगी। इस बार वैसे भी कम पराली जलाई गई है। किंतु पटाखे एवं पराली के धुएं से प्रदूषण की स्थिति फिर विकट हो गई है। पूर्वी हवा से वायु गुणवत्ता में काफी हद तक सुधार आ जाएगा।मौसम विज्ञानी पाकिस्तान एवं बंगाल की खाड़ी में बन रहे मौसम के संकेतकों को जोड़कर देख रहे हैं और दिल्ली के लिए राहत की संभावना तलाश रहे हैं। बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव का ट्रैक चिह्नित हो चुका है। अभी उसके असर से तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में बारिश हो रही है।

ओडिशा और बंगाल में भी डीप डिप्रेशन के असर से बारिश की गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। यह बंगाल एवं बांग्लादेश के बीच 18 नवंबर को स्थल भाग से टकराएगा। इसके पहले झारखंड एवं बिहार के सीमांचल इलाकों पर भी इसका असर पड़ना तय है। शुक्रवार की सुबह से बंगाल एवं ओडिशा में मुसलाधार बारिश होने लगेगी। हवा की रफ्तार भी 60 से 70 किमी प्रतिघंटे की होगी। समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं।

Share.
Leave A Reply