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एथिक्स कमेटी की सदस्य बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने भी महुआ मोइत्रा के आचरण पर आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा, “महुआ ने अध्यक्ष के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया. उनसे कोई अनैतिक सवाल नहीं पूछे गए थे. वही सवाल पूछे गए जो एफिडेविट में हैं. लेकिन महुआ इससे भड़क गईं.”

रिश्वत लेकर संसद में सवाल (Cash For Query) करने के आरोपों में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) 2 नवंबर गुरुवार को संसद एथिक्स कमेटी (Ethics Committee)के सामने पेश हुईं. इस दौरान कमेटी के साथ महुआ मोइत्रा के बर्ताव से विपक्षी सांसद और कमेटी के सदस्य खासे नाराज हो गए. एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर (Vinod Kumar Sonkar) ने कहा कि महुआ ने जांच में सहयोग नहीं दिया. उन्होंने कहा, “विपक्षी सदस्यों ने गुस्से में आरोप लगाए. वे सवाल से बचने के लिए बैठक से बाहर निकले. वह केवल और केवल उन पर आरोप हैं. सवाल से बचने के लिए यह आरोप लगाए हैं.” दरअसल, पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में महुआ मोइत्रा, दानिश अली और अन्य विपक्षी सांसद भड़कते हुए 3:35 बजे एथिक्स कमेटी के दफ्तर से बाहर निकले. जब मीडिया ने इनसे गुस्से का कारण पूछा, तो दानिश अली बोले- “चेयरमैन पूछ रहे हैं कि रात में किससे बात करती हैं, क्या बात करती हैं. ये कैसी एथिक्स कमेटी है, जो अनैतिक सवाल पूछ रही है. विपक्षी सदस्यों, टीएमसी सांसद महुआ के हंगामे के बाद भी एथिक्स कमेटी ने विचार-विमर्श जारी रखा.” एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विनोद कुमार सोनकर ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को गलत बताया है. सोनकर ने विपक्षी सदस्यों और महुआ मोइत्रा पर मामले को भटकाने का आरोप लगाया.

महुआ मोइत्रा से दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे को लेकर सीधे सवाल पूछे गए. ख़ासकर उनकी विदेश यात्राओं के बारे में सवाल किए गए. मोइत्रा से पूछा गया कि उनकी विदेश यात्राओं का खर्च किसने उठाया? इन यात्राओं के दौरान वो किस होटल में रुकीं और उसका पेमेंट किसने दिया? मोइत्रा से पूछा गया कि वो पीए कौन था, जो उनकी जगह सवाल पूछा करता था? इन्हीं सवालों पर मोइत्रा असहज हो गईं और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगीं. वहीं, कमेटी की सदस्य और बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने महुआ मोइत्रा के आचरण पर आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा, “महुआ ने अध्यक्ष के लिए असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया. उनसे कोई अनैतिक सवाल नहीं पूछे गए थे. वही सवाल पूछे गए जो एफिडेविट में हैं. लेकिन महुआ इससे भड़क गईं.” अपराजिता सारंगी ने कहा, “महुआ काफी गुस्से में बोल रही थीं. दो विपक्षी सदस्यों ने टेबल पर जोर से हाथ मारे. महुआ ने कमेटी के अध्यक्ष का अपमान किया.”

एथिक्स कमेटी की सदस्य बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, “पेशी के दूसरे हाफ में जब महुआ मोइत्रा के सामने सबूत रखे गए, तो कमेटी के विपक्षी सदस्य दानिश अली और गिरधारी यादव ने महुआ को बचाने के लिए हस्तक्षेप किया. बाद में कमेटी के चेयरमैन ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे को लेकर सवाल पूछना शुरू कर दिया. इसी दौरान महुआ मोइत्रा चेयरमैन से अभद्रता के साथ पेश आईं. उन्होंने कहा कि ऐसे घटिया सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए.”

अपराजिता सारंगी आगे बताती हैं, ” मोइत्रा बेहद आक्रामक और असभ्य तरीके से बोल रही थीं. इसके बाद गिरधारी यादव और दानिश अली ने टेबल पीटना शुरू कर दिया. इस बात पर भी मतदान हुआ कि कौन से सदस्य इस मुद्दे पर गहन चर्चा के लिए देर रात तक रुकना चाहते हैं. इस वोटिंग में विपक्षी सदस्य 5 मतों से हार गए. बाद में उन्होंने बैठक से वॉकआउट करने का फैसला किया. जाते-जाते महुआ मोइत्रा ने चेयरमैन के लिए ‘बेहुदा’ और ‘बेशरम’ शब्द का इस्तेमाल किया.” सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अब कमेटी में किसी और को बुलाए जाने की संभावना नहीं है. कमेटी अब अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. इस रिपोर्ट को अडॉप्ट करने के लिए कमेटी एक और बैठक करेगी. इससे पहले खबर आई थी कि महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के सामने खुद को निर्दोष बताया. उन्होंने कहा कि वकील जय अनंत देहाद्राई से निजी रिश्तों में खटास के कारण यह विवाद खड़ा हुआ है.

TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को क्रॉस एग्जामिन करने की मांग की थी. उन्होंने 31 अक्टूबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी को लेटर लिखा. इसमें TMC सांसद ने कहा- “हीरानंदानी और देहाद्राई ने मेरे खिलाफ लगाए आरोपों का सबूत नहीं दिया है. इसलिए मैं दोनों को क्रॉस एग्जामिन करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहती हूं.”

19 अक्टूबर को मामले में हीरानंदानी ने कमेटी को हलफनामा देकर बताया था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को रिश्वत दी थी. महुआ ने उन्हें अपने संसद अकाउंट का लॉग-इन आईडी और पासवर्ड भी दिया था. इसके बाद TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने दोस्त और बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को संसद का अपना लॉग-इन पासवर्ड दिया था. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने इसके बदले में कैश या महंगे गिफ्ट लिए. महुआ ने आरोप लगाया था कि हीरानंदानी को एफिडेविट लिखने के लिए मजबूर किया गया.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को महुआ मोइत्रा पर घूस लेकर संसद में सवाल करने के आरोप लगाए थे. उन्होंने इस मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और आईटी राज्यमंत्री चंद्रशेखर को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे. इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया. एथिक्स कमेटी ने 27 अक्टूबर को महुआ मोइत्रा को समन भेजा और 31 अक्टूबर को सुबह 11 बजे कमेटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था. हालांकि, महुआ ने 5 नवंबर के बाद ही पेश हो पाने की बात कही थी. इसके बाद 28 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी ने महुआ को 2 नवंबर को पेश होने को कहा था.

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