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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu)ने 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था. इस दौरान राष्ट्रपति ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाया था. इसके बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 5 फरवरी (सोमवार) को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने 31 जनवरी को बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था. इस दौरान राष्ट्रपति ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाया था. आज धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस समेत विरोधी दलों पर तंज कसे. पीएम मोदी ने कहा कि मैं विपक्ष के संकल्प की सराहना करता हूं. विपक्ष ने लंबे अरसे तक विपक्ष की बेंच पर बैठने का संकल्प लिया है. ईश्वर आपकी मनोकामना पूरी करे. इस दौरान पीएम मोदी ने केंद्रीय जांच एजेंसियों CBI-ED के एक्शन पर उठ रहे सवालों पर जवाब भी दिया.

पीएम मोदी ने कहा, “विपक्ष की एक-एक बात से मेरा और देश का विश्वास पक्का हो गया है. मैंने लंबे समय तक वहां नहीं रहने का संकल्प लिया है. जबकि विपक्ष कई दशक तक जैसे यहां (सत्ता) बैठे थे, वैसे कई दशक तक वहां (विपक्ष) बैठने का संकल्प लिया है. जिस पर आप मेहनत कर रहे हैं, ईश्वर रूपी जनता आपको जरूर आशीर्वाद देगी. आप अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा में दिखेंगे.”

पीएम मोदी ने कहा, “चुनाव का साल था कुछ मेहनत करते, जनता को संदेश देते, लेकिन इसमें भी फेल हो गए आप, आज विपक्ष की जो हालत है उसकी दोषी कांग्रेस पार्टी है. कांग्रेस ने विपक्ष के होनहार लोगों को उभरने नहीं दिया. हाउस में कई सांसद हैं, लेकिन वो बोले और उनकी छवि उभरे न इसलिए उनको भी मौका नहीं दे रही है.”

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “कब तक टुकड़ों में सोचते रहेगो? कब तक समाज को बांटते रहोगे? अच्छा होता जाते-जाते कम से कम इस चर्चा के दौरान कुछ सकारात्मक बातें होती? कुछ सुझाव आते, लेकिन हर बार की तरह विपक्ष ने देश को बहुत निराश किया. विपक्ष की इस हालत के लिए कांग्रेस पूरी तरह से दोषी है.

इस दौरान पीएम मोदी ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, तो उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया. 1987 में जब कांग्रेस के पास पूरे देश में उनका झंडा फहरता था, तब उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को प्रतिपक्ष के नेता के रूप में मानने से मना कर दिया.”

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, “एक समय था जब पूछा जाता था बेटी की उम्र बढ़ रही है शादी कब करोगो, पूछा जाता था घर का मालिक घर पर है कि नहीं है, आज किसी के घर जाते हैं तो घर महिला के नाम पर. परिवार के मुखिया की जगह आज मेरी माताएं और बहनें हैं.” पीएम ने कहा, “आज जिस घर में बेटी पैदा होती है तो लोग पूछते हैं कि सुकन्या समृद्धि खाता खुला कि नहीं. पहले समाज में सवाल होते थे कि महिला होकर नौकरी क्यों करना चाहती हो? आज लोग पूछ रहे हैं कि मैडम आपके स्टार्टअप में मुझे नौकरी मिलेगी.”

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