देहरादूनः उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. अस्पताल की तलाश और जरूरी इंजेक्शन के लिए मरीजों की मुसीबतें और बढ़ा दी है. चिंता की बात यह है कि ब्लैक फंगस से इलाज के लिए 12 अस्पतालों को सरकार ने सूचीबद्ध तो किया है। लेकिन इनमें से कई अस्पताल अभी ब्लैक फंगस के इलाज के लिए तैयार ही नहीं हैं
कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों को ब्लैक फंगस ने और भी ज्यादा परेशानी में डाल दिया है. चिकित्सकों के लिए भी इस नए तरह के वायरस से निपटना मुश्किल हो रहा है। हालांकि इसके लिए प्रोटोकॉल तैयार किए गए हैं। लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी मरीज और तीमारदारों के लिए परेशानी बढ़ा रही है। प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य में 12 अस्पतालों को ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सूचीबद्ध किया गया है। लेकिन चिंता की बात ये है कि इन 12 अस्पतालों में अधिकतर अस्पताल अभी ब्लैक फंगस का इलाज करने के लिए खुद तैयार नहीं मान रहे हैं।
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155 मरीज सामने आए
बता दें कि प्रदेश में 3 जिलों के अस्पतालों में फिलहाल ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती हैं. उधमसिंह नगर के जेएलएन अस्पताल में एक मरीज भर्ती था जिसकी मृत्यु हो चुकी है। देहरादून के 7 अस्पतालों में ब्लैक फंगस के कुल 148 मरीज भर्ती हैं। उधर नैनीताल के तीन अस्पतालों में कुल 6 मरीज भर्ती हैं। इस तरह राज्य में कुल 155 ब्लैक फंगस के मरीज मिल चुके हैं। इसमें 14 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी ले चुके हैं।
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