कुत्ता एक वफादार प्राणी होता है, ऐसी बातें किताबों में तो बहुत पढ़ने को मिलती है। लेकिन कुत्ते की वफादारी का एक ऐसा मामला सामने आया है जहां खण्ड के गांव तलवाडा खुर्द में अपने मालिक की मौत हो जाने पर उसके वियोग में इतना रोया कि उसे अपनी आंखों की रोशनी से हाथ धोना पड़ा है और आज वह आंखों में रोशनी के अभाव में अंधा हो गया है ।
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काबिलेगौर है कि गांव तलवाडा खुर्द में rohit नामक एक 25 साल का एक लड़का ,जिसने अपने घर में एक कुत्ता पाला था। कुते का पालन पोषण वह इस प्रकार करता था कि जैसे किसी परिवार के किसी अन्य सदस्य का किया जाता है। रोहित कुत्ते को प्रतिदिन सुबह शाम दूध का भी सेवन करवाता और जब भी वह स्वयं भोजन करता तो प्रथम वह अपने कुत्ते को भर पेट भोजन करवाता। लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने रोहित को काल का ग्रास बना लिया।
Corona की चपेट में आ जाने पर रोहित को सिरसा के एक निजी hospital में इलाज भी चला। जैसे ही रोहित को इलाज के लिए सिरसा ले जाया गया। तभी उस कुत्ते ने रोहित के अलावा किसी अन्य का दिया न तो दूध पिया और न ही भोजन ग्रहण किया। इलाज के दौरान रोहित की मौत हो गई। रोहित का पालतू कुत्ता जो बेशक बेजुबान था और अपनी जुबान से कुछ बोल नहीं पा रहा था, लेकिन उसकी अक्षुधारा उसके विलाप की स्पष्ट चुगली खा रही थी। वह पालतू कुत्ता इतना वफादार निकला कि उसने लगभग एक महीने तक पानी पीने के अलावा कुछ भी नहीं खाया और मालिक के वियोग में इस कदर रोता रहा कि उसको आंखों से ही दिखाई देना बंद हो गया। आज भी वह कुत्ता अपने मालिक के वियोग में इस कद्र तड़फ रहा है कि जो कभी रोहित के घर के बाहर गली में अठखेलिया करता था। आज हर तरह से मायूस हो एक जगह पर ही बैठ अपने मालिक की याद में आंसू बहा रहा है।
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