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नौसेना प्रमुख ने कहा- सीडीएस और DMA के गठन के बाद कम हुईं नौकरशाही की परतें

नई दिल्ली : नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना को भरोसा है कि वह भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम है. उन्होंने बताया कि चीनी नौसेना 2008 से ही हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद है. उन्होंने बताया कि हिंद महासागर में चीन के सात से आठ युद्धपोत हैं. उन्होंने बताया कि भारत के विमानों और जहाजों द्वारा लगातार उस क्षेत्र की निगरानी की जा रही है. भारत चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि हम पिछले कुछ वर्षों में चीनी नौसेना द्वारा बनाए जा रहे 110 युद्धपोतों के घटनाक्रम से अवगत हैं.

उन्होंने कहा कि नौसेना हिंद महासागर (Indian Ocean Region) में सभी गतिविधियों और तैनाती पर ध्यान दे रही है. इस संबंध में योजनाएं भी बनाई जा रही हैं. नौसेना प्रमुख ने आश्वस्त किया कि भारतीय नौसेना भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम है.

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सैन्य मामलों के विभाग (Department of Military Affairs-डीएमए) का निर्माण स्वतंत्रता के बाद से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद के निर्माण के साथ-साथ सेना में सबसे बड़ा सुधार है.नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि डीएमए और सीडीएस के बनन से तेजी से निर्णय लिए जा रहे हैं और इससे नौकरशाही की परतें भी कम हो रही हैं.

उन्होंने कहा कि नौसेना देश के सामने मौजूद सुरक्षा संबंधी संभावित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अधिग्रहण की योजना बनाती है. शुक्रवार को नौसेना प्रमुख ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रस्तावित समुद्री कमान के ब्योरों पर काम चल रहा है और उन्होंने संकेत दिया कि इसकी मूल संरचना अगले साल तक तैयार हो सकती है.

उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना की समग्र कार्य प्रणाली के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका को विस्तार देने पर काम जारी है. एडमिरल कुमार ने कहा, ‘हमें पूरा भरोसा है कि हम भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम हैं.’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बावजूद, नौसेना ने युद्ध संबंधी तैयारियों को बरकरार रखा है.

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