पढ़ने-पढ़ाने के जुनूनी, सैकड़ों होमगार्ड जवानों को बनाया अधिकारी
उत्तराखंड कैडर के 2004 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी केवल खुराना का रविवार देर रात निधन हो गया। वे वर्तमान में आईजी प्रशिक्षण के पद पर कार्यरत थे। उनके असामयिक निधन से पुलिस विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों और उनके शुभचिंतकों में गहरा शोक है। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर पुलिस ऑफिसर्स कॉलोनी, किशनपुर लाया गया, जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
बचपन से ही शिक्षा के प्रति समर्पित, सिविल सेवा में जाने का लिया था संकल्प
केवल खुराना मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से थे और एक व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके गांव में पहले कोई आईपीएस अधिकारी नहीं था, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया। 2002 में वे दिल्ली आए और कड़ी मेहनत से तैयारी कर 2004 में आईपीएस के लिए चयनित हुए।
होमगार्ड जवानों और उनके बच्चों को दी सिविल सेवा की कोचिंग
पढ़ाई के प्रति उनका जुनून केवल खुद तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने दूसरों को भी शिक्षित करने का बीड़ा उठाया। जहां भी उनकी तैनाती हुई, उन्होंने सिविल सेवा की कोचिंग जारी रखी। खासकर, जब वे कमांडेंट जनरल थे, तब उन्होंने होमगार्ड जवानों और उनके बच्चों को आईपीएस अधिकारी बनाने के लिए विशेष प्रयास किए। उन्होंने होमगार्ड मुख्यालय में कोचिंग क्लास शुरू की, जहां 210 जवान व उनके बच्चे मार्गदर्शन प्राप्त करते थे।
यातायात सुधार और अपराध नियंत्रण में निभाई अहम भूमिका
केवल खुराना ने विभिन्न जिलों में एसपी, एसएसपी के रूप में अपनी सेवाएं दीं। देहरादून में एसएसपी व निदेशक यातायात के रूप में रहते हुए उन्होंने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पलटन बाजार समेत शहर के कई हिस्सों में यातायात नियंत्रण के लिए नई योजनाएं लागू कीं। वे पीड़ितों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे और अपराध नियंत्रण में भी उनकी विशेष भूमिका रही।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, छोटे भाई ने दी मुखाग्नि
सोमवार को हरिद्वार में केवल खुराना का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके छोटे भाई विवेक खुराना ने मुखाग्नि दी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उनके असमय निधन से परिवार, पुलिस विभाग और उनके सहयोगियों में शोक की लहर है।
केवल खुराना की विद्वता, उनकी सेवा भावना और पुलिस विभाग के प्रति उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा।
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