देहरादून: शहर में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का खेल फिर से तेज हो गया है। खासतौर पर बाहरी क्षेत्रों में नगर निगम की कीमती जमीनें अवैध कब्जों की चपेट में आ रही हैं। भूमाफिया द्वारा इन जमीनों पर अवैध निर्माण और प्लाटिंग करने की लगातार कोशिशें हो रही हैं। इस बढ़ते अतिक्रमण को देखते हुए महापौर और नगर आयुक्त ने शिकायतों की जांच कराने तथा निगम की भूमि की माप-जोख कर सीमांकन करने का निर्णय लिया है।

नेताओं और निगम कर्मियों पर संलिप्तता के आरोप

नगर निगम की करोड़ों की जमीनों पर कब्जे को लेकर नेताओं और निगम कर्मियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। हाल के दिनों में इस तरह की शिकायतों में तेजी आई है। अब नगर निगम प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए भूमि अनुभाग को जांच के निर्देश दिए हैं।

महापौर से शिकायत, कार्रवाई का आश्वासन

शहर में लगातार अवैध कब्जों की शिकायतें आ रही हैं। श्री राम सेना के अध्यक्ष दिनेश मल्होत्रा ने अधोईवाला वार्ड के विकास लोक लेन नंबर तीन में नगर निगम की भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी और महापौर सौरभ थपलियाल से शिकायत की है।

इस मामले में पूर्व में एमडीडीए की टीम भी कब्जे की पुष्टि कर चुकी है, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। दिनेश मल्होत्रा ने इस मामले की शिकायत डीएम कार्यालय में भी दर्ज कराई है। अब महापौर को ज्ञापन सौंपकर त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है। महापौर ने आश्वासन दिया है कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराना उनकी प्राथमिकता में शामिल है और इस दिशा में जल्द सख्त कदम उठाए जाएंगे।

मोहब्बेवाला में छह बीघा निगम भूमि पर प्लाटिंग का मामला

नगर निगम की मोहब्बेवाला स्थित भूमि भी अवैध कब्जे की चपेट में आ रही है। भूमाफिया ने यहां लगभग छह बीघा जमीन पर कब्जा कर प्लाटिंग शुरू कर दी है। नगर निगम को इस मामले की शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

सहस्रधारा रोड समेत अन्य इलाकों में बढ़े कब्जे

सहस्रधारा रोड से सटे इलाकों में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे और बिक्री की शिकायतें सबसे अधिक हैं। वर्षों से इन इलाकों में सरकारी भूमि को खुर्दबुर्द किया जा रहा है। हाल ही में सहस्रधारा हेलीपैड के पास भी अवैध प्लाटिंग की सूचना मिली थी, जहां जेसीबी से ढलान काटकर रास्ता बनाया जा रहा था, जबकि पास ही नगर निगम के स्वामित्व का बोर्ड लगा था।

गुजराड़ा मानसिंह, धोरण, डांडा लखौंड, डांडा खुदानेवाला, नूरीवाला, अधोईवाला, मंदाकिनी विहार, एकता विहार समेत कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों पर कब्जे हो चुके हैं। प्रशासन की ओर से इन कब्जों को हटाने की दिशा में अब ठोस कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

नगर निगम की सख्त कार्रवाई की योजना

महापौर सौरभ थपलियाल ने स्पष्ट किया है कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सभी शिकायतों की गहन जांच की जाएगी। भूमि अनुभाग को निर्देश दिए गए हैं कि कब्जों की रिपोर्ट तैयार कर जल्द से जल्द कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। नगर निगम अब इन जमीनों की तारबाड़ करने और अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाने की योजना बना रहा है।

अब देखना यह होगा कि प्रशासन की यह मुहिम कितनी कारगर साबित होती है और अवैध कब्जाधारियों पर क्या सख्त कार्रवाई होती है।

यह भी पढें- विधानसभा ने सख्त भू-कानून विधेयक को मंजूरी दी, अब उत्तराखंड के 11 जिलों में कृषि भूमि खरीदना संभव नहीं होगा।*

Leave A Reply