देहरादून: उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी वेबसाइट के माध्यम से नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले एक इंजीनियरिंग छात्र को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने “न्यूट्रिनो लैब” नाम की एक फर्जी वेबसाइट बनाई थी, जिसके जरिए वह युवाओं को रोजगार का झांसा देकर उनसे ठगी कर रहा था। इस मामले में देशभर से 30 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई थीं।
देशभर में फैला था साइबर ठगी का जाल
एसटीएफ को इस फर्जीवाड़े की शिकायतें उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़ और दिल्ली सहित कई राज्यों से मिली थीं। जब मामले की गहराई से जांच की गई, तो पता चला कि आरोपी प्रेमनगर क्षेत्र के नंदा की चौकी से इस साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था।
एसटीएफ ने की बड़ी कार्रवाई, आरोपी गिरफ्तार
ठगी की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने इंस्पेक्टर नंदकिशोर भट्ट और उप निरीक्षक विपिन बहुगुणा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की। इस टीम ने गुरुवार रात को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी निवासी कृपाल शर्मा को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने कई युवाओं से ठगी की है।
कैसे करता था ठगी?
आरोपी युवाओं को आकर्षित करने के लिए “न्यूट्रिनो लैब” नामक फर्जी वेबसाइट पर जॉब ऑफर डालता था। आवेदन करने वाले उम्मीदवारों से प्रोसेसिंग फीस, ट्रेनिंग फीस और अन्य बहाने बनाकर पैसे ऐंठता था। नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे युवा इस झांसे में आकर पैसे जमा कर देते थे, जिसके बाद आरोपी उनसे संपर्क बंद कर देता था।
साइबर ठगी के मामलों में तेजी से हो रही कार्रवाई
उत्तराखंड एसटीएफ साइबर अपराध पर सख्ती से नजर बनाए हुए है और लगातार ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान वेबसाइट पर जॉब अप्लाई करने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
उत्तराखंड एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद युवाओं को ठगने वाले ऐसे फर्जीवाड़ों पर लगाम लगाने की उम्मीद की जा रही है।