देहरादून में उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ हो चुका है। सत्र के पहले दिन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने विधानसभा में अपना अभिभाषण दिया। विधानसभा परिसर में उनके आगमन पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल उपस्थित रहे।

बजट सत्र की शुरुआत और विपक्ष की मांग

बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही राज्यपाल के अभिभाषण के साथ प्रारंभ हुई। इस दौरान विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग उठाई। विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक खजान दास और पार्वती दास भी मौजूद रहे।

राज्यपाल के अभिभाषण के प्रमुख बिंदु

अपने अभिभाषण में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जिससे विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हुई है।

विपक्षी दलों का विरोध और सदन में हंगामा

राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस विधायकों ने सदन में विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष के विधायक वेल में उतरकर नारेबाजी करने लगे। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सत्र की अवधि न बढ़ाने पर आपत्ति जताई। सत्ता पक्ष के विधायकों ने सरकार की उपलब्धियों पर मेजें थपथपाकर समर्थन व्यक्त किया, जबकि कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच तीखी बहस भी हुई।

लैंसडाउन विधायक की उपस्थिति और चेतावनी

हाल ही में विधानसभा सत्र के बहिष्कार की घोषणा करने वाले लैंसडाउन से भाजपा विधायक दलीप सिंह रावत भी सत्र में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि वह राज्यपाल के अभिभाषण की अवमानना नहीं करना चाहते, इसलिए सदन में आए हैं। उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि सदन में तीन से चार घंटे तक वन अधिनियम पर चर्चा कराई जाएगी। यदि इस विषय पर चर्चा नहीं हुई, तो वह अगले दिन से सत्र का बहिष्कार करेंगे।

सत्र के आगामी दिन महत्वपूर्ण

उत्तराखंड विधानसभा का यह बजट सत्र महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें राज्य की वित्तीय नीतियों के साथ कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होने की संभावना है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच इस सत्र में गहमागहमी बनी रहने की उम्मीद है।

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