आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े हुए पेश
उत्तराखंड के प्रमुख सचिव नियोजन आर. मीनाक्षी सुंदरम ने राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के आंकड़े जारी किए। उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जानी है, इसलिए विस्तृत जानकारी बाद में साझा की जाएगी। इस सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में एक वर्ष के भीतर 46,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

राज्य की जीडीपी में हुआ उल्लेखनीय इजाफा
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तराखंड की कुल अर्थव्यवस्था 3,32,000 करोड़ रुपये थी, जो 2024-25 में बढ़कर 3,78,000 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इस वृद्धि के साथ राज्य की जीडीपी 6.61 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो कि राष्ट्रीय औसत 6.4 प्रतिशत से अधिक है। हालांकि, पिछले वर्ष राज्य की जीडीपी 7.83 प्रतिशत थी, जबकि राष्ट्रीय जीडीपी 8.2 प्रतिशत के स्तर पर थी।

वास्तविक सकल राज्य घरेलू उत्पाद में भी उछाल
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2011-12 को आधार वर्ष मानते हुए वास्तविक सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) का अनुमान 2024-25 में 217.82 हजार करोड़ रुपये रहने का है, जबकि 2023-24 में यह अनुमानित आंकड़ा 204.32 हजार करोड़ रुपये था।

प्रति व्यक्ति आय में 11.33 प्रतिशत की वृद्धि
उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 2,74,064 रुपये होने का अनुमान है, जो 2023-24 की तुलना में 11.33 प्रतिशत अधिक है। राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 2,00,162 रुपये अनुमानित है, जिसमें 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष यह 1,84,205 रुपये थी।

रोजगार के अवसरों में हुई बढ़ोतरी
राज्य में रोजगार के अवसरों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। श्रम शक्ति भागीदारी दर वर्ष 2022 में 48.7 प्रतिशत थी, जो 2024 में बढ़कर 58.1 प्रतिशत हो गई। दो वर्षों में राज्य में 9.31 लाख नए रोजगार सृजित हुए हैं, जिससे रोजगार में 21.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

इकोलॉजी और इकोनॉमी के संतुलन की जिम्मेदारी टीबीआई को
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर्यावरण संतुलन और आर्थिक विकास को समान रूप से बढ़ावा देने पर जोर दे रहे हैं। इस दिशा में ब्रिटेन स्थित टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज (TBI) को राज्य में इकोलॉजी और इकोनॉमी के संतुलन पर अध्ययन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस अध्ययन के आधार पर सरकार आगे की रणनीति तय करेगी।

वित्त आयोग से पर्यावरणीय सेवा का लाभ लेने की तैयारी
उत्तराखंड सरकार ने कई बार वित्त आयोग से पर्यावरणीय सेवाओं के बदले वित्तीय लाभ की मांग की है, लेकिन स्पष्ट मूल्यांकन की कमी के कारण अब तक कोई लाभ नहीं मिल पाया। इस समस्या के समाधान के लिए गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान (GBPNIHESD) को पर्यावरणीय सेवाओं की आर्थिक वैल्यू निर्धारित करने का दायित्व सौंपा गया है। इस रिपोर्ट को वित्त आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे उत्तराखंड को उचित वित्तीय लाभ प्राप्त हो सके।

राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और आर्थिक सुधारों से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। लगातार बढ़ती जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय में इजाफा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि यह दर्शाते हैं कि राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। आगामी वर्षों में यह वृद्धि राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक साबित होगी।

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