उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इस महत्वपूर्ण आयोजन में गृहमंत्री अमित शाह शामिल होंगे। इसी बीच, उत्तराखंड में चल रही शीतकालीन यात्रा को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी 27 फरवरी को राज्य के दौरे पर आने की संभावना जताई जा रही है। हालाँकि, इस दौरे को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन शासन स्तर पर तैयारियां तेज हो गई हैं।

पीएम मोदी कर सकते हैं गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा का दौरा

उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा में प्रधानमंत्री के आने की संभावना है। साथ ही, वह हर्षिल या बगोरी में रात्रि विश्राम भी कर सकते हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और चारधाम के तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री को शीतकालीन यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया था। यदि प्रधानमंत्री इस यात्रा में शामिल होते हैं, तो इससे राज्य में पर्यटन और धार्मिक यात्रा को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दिसंबर 2024 में शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया गया था, जो उत्तराखंड की समृद्धि में अहम योगदान देगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की उपस्थिति से शीतकालीन यात्रा की ब्रांडिंग को जबरदस्त फायदा होगा, क्योंकि उनकी यात्रा पर पूरे देश और दुनिया की नज़रें रहती हैं।

राष्ट्रीय खेलों के समापन की भव्य तैयारियां

प्रदेश के 11 स्थानों पर राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया गया है, जिनका समापन समारोह 14 फरवरी को हल्द्वानी स्थित स्टेडियम में होगा। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि इस बार उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 88 मेडल जीते हैं और सातवें स्थान पर रहे हैं। पिछले साल की तुलना में यह बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि पिछले वर्ष उत्तराखंड का स्थान 25वें पायदान पर था।

उन्होंने कहा कि राज्य में खेलों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को बहुत बेहतर बनाया गया है, जिससे इस बार के राष्ट्रीय खेल पूरी तरह उत्तराखंड में ही संचालित किए गए। पहले कुछ खेलों को अन्य राज्यों में करवाना पड़ता था, लेकिन इस बार ऐसी कोई जरूरत नहीं पड़ी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि भारत को 2036 में ओलंपिक की मेजबानी मिलती है, तो उत्तराखंड कई खेलों के आयोजन का अवसर प्राप्त करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

उत्तराखंड में खेलों के प्रति बढ़ते रुझान और मजबूत बुनियादी ढांचे के चलते भविष्य में यहाँ अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की संभावनाएँ और अधिक प्रबल हो गई हैं।

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