देहरादून: मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य में दुर्लभ खनिजों (Critical Minerals) की खोज, निष्कर्षण और प्रसंस्करण को लेकर कार्ययोजना (वर्किंग प्लान) तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह निर्देश सचिवालय में खनन विभाग, आईआईटी रुड़की, मोनाश यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रेलिया) और उद्यम प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान दिए।

आईआईटी रुड़की के साथ भागीदारी पर जोर

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज के लिए आईआईटी रुड़की और राज्य सरकार के बीच साझेदारी को सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने खनन विभाग, वैज्ञानिकों और उद्योगपतियों से मिलकर आरएंडडी (R&D) पर विशेष ध्यान देने को कहा, ताकि खनिजों की खोज, निष्कासन, प्रसंस्करण और रिसाइकलिंग की प्रभावी कार्य प्रणाली (Methodology) विकसित की जा सके।

खनिज आत्मनिर्भरता के लिए समन्वित प्रयास जरूरी

मुख्य सचिव ने राज्य में खनिज आत्मनिर्भरता के लिए सरकार, शिक्षा जगत और उद्योगों के बीच सहयोग, साझेदारी और पूरकता को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दुर्लभ खनिजों के मूल्यांकन, अन्वेषण, निष्कर्षण, स्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला के विश्लेषण में अग्रणी विशेषज्ञों की भूमिका अहम होगी, जिसमें आईआईटी रुड़की का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।

विशेषज्ञता और क्षमता निर्माण पर रहेगा फोकस

मुख्य सचिव ने विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं और व्यावहारिक अनुसंधान को बढ़ावा देने की जरूरत बताई, ताकि राज्य में क्रिटिकल मिनरल टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता विकसित की जा सके।

बैठक में मौजूद रहे अधिकारी और विशेषज्ञ

इस महत्वपूर्ण बैठक में खनन सचिव श्री बृजेश कुमार संत, आईआईटी रुड़की के डॉ. राकेश कुमार सहित संबंधित विभागों के अधिकारी और उद्यमी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड सरकार के इस पहल से राज्य में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन उद्योग को नई दिशा मिलने की उम्मीद है, जिससे राज्य की आर्थिक प्रगति को बल मिलेगा।

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