देहरादून की डिफेंस कॉलोनी में ‘द सैनिक सहकारी आवास समिति’ से जुड़ा एक बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है। समिति के मूल लेआउट प्लान में हेरफेर कर 680 की बजाय 726 प्लॉट तैयार कर दिए गए। इस प्रक्रिया में पार्क, ओपन स्पेस और सामुदायिक सुविधाओं के लिए आरक्षित 18,000 वर्गमीटर से अधिक भूमि पर अवैध रूप से प्लॉटिंग कर बिक्री कर दी गई।
फर्जीवाड़े का खुलासा, पुलिस जांच में जुटी
समिति के सदस्य सेवानिवृत्त कर्नल रमेश प्रसाद सिंह की शिकायत पर नेहरू कॉलोनी पुलिस ने 16 पूर्व सैन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपियों में कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, स्क्वाड्रन लीडर और कमांडेंट रैंक के पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 1967 में स्वीकृत मूल लेआउट प्लान के तहत 680 प्लॉट निर्धारित किए गए थे। इसे यूपी टाउन एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट, लखनऊ से मंजूरी मिली थी। लेकिन, समय के साथ समिति के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर अवैध रूप से 46 अतिरिक्त प्लॉट तैयार कर बेचे।
गैर-सैन्य लोगों को बेचे प्लॉट, कम दाम पर की बिक्री
शिकायत में यह भी कहा गया है कि समिति के नियमों का उल्लंघन कर गैर-सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों को भी प्लॉट बेचे गए। इतना ही नहीं, प्लॉटों की बिक्री सर्किल रेट से भी कम दरों पर की गई, जिससे बड़े पैमाने पर अवैध वित्तीय लेन-देन हुआ।
इन पूर्व सैन्य अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज
सेवानिवृत्त कर्नल:
- आरएस कली
- वीरभान सिंह
- एसएम गुसांई
- आरएस पैन्यूली
- एसएल पैन्यूली
सेवानिवृत्त कैप्टन:
- टीपी कुंडालिया
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल:
- एएस कंडारी
- पीएस राणा
- सीपी सती
- जीएस बिष्ट
- एसएस बिष्ट
- एसपीएस नेगी
सेवानिवृत्त मेजर:
- एमएस नेगी
सेवानिवृत्त कमांडेंट:
- एसएस रावत
सेवानिवृत्त पीओएमए:
- वीके नौटियाल
सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर:
- एसएस बिष्ट
पुलिस ने शुरू की जांच, एसएसपी का बयान
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस इस पूरे घोटाले में शामिल लोगों की भूमिका की गहराई से पड़ताल कर रही है। इस घोटाले के उजागर होने से शहर में हड़कंप मच गया है, और आगे और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
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