केंद्र सरकार की योजना के तहत कुमाऊं मंडल में बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इस कार्य को संपन्न करने के लिए अडानी एनर्जी सॉल्यूशन के साथ अनुबंध किया गया है। स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया तराई-भाबर क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण इलाकों में व्यापक रूप से की जाएगी, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में केवल नगर मुख्यालयों तक ही इसे सीमित रखा गया है। पूरे कुमाऊं मंडल में कुल 6.55 लाख मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

बिलिंग प्रक्रिया में हुआ बदलाव, उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

शुरुआती योजना के अनुसार, स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मोड में संचालित किया जाना था, जहां उपभोक्ताओं को मोबाइल रिचार्ज की तरह एडवांस भुगतान कर बिजली का उपयोग करना होता। हालांकि, उपभोक्ताओं में उत्पन्न भ्रम और असमंजस को देखते हुए ऊर्जा निगम ने रणनीति में बदलाव किया है। अब मीटर तो स्मार्ट होंगे, लेकिन बिलिंग की व्यवस्था फिलहाल पहले की तरह ही बनी रहेगी। उपभोक्ताओं को बिजली का बिल मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार दिया जाएगा, जिसे वे समय पर भुगतान कर सकेंगे। हालांकि, कुछ समय बाद नई प्रणाली के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ने पर प्रीपेड सुविधा को सक्रिय किया जा सकता है।

तीव्र गति से हो रहा है कार्य, लाखों घरों में पूरा हुआ सर्वेक्षण

स्मार्ट मीटर लगाने की इस परियोजना के तहत अब तक 2.50 लाख से अधिक घरों का सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है। नैनीताल जिले में कुल 1.82 लाख मीटर लगाए जाने हैं, जिनमें से 70 हजार से अधिक घरों का सर्वेक्षण संपन्न हो चुका है। इस कार्य को तीन चरणों में विभाजित किया गया है—

  1. पहला चरण: ऊर्जा निगम के उपकेंद्रों, कार्यालयों और अधिकारियों-कर्मचारियों के आवासों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।
  2. दूसरा चरण: सरकारी कार्यालयों और अन्य भवनों में मीटर स्थापित किए जा रहे हैं, जिसका कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
  3. तीसरा चरण: अब घरेलू कनेक्शनों के मीटर बदले जा रहे हैं, ताकि आम उपभोक्ताओं को भी इस अत्याधुनिक सुविधा का लाभ मिल सके।

उपभोक्ताओं पर नहीं बनाया जाएगा कोई दबाव

स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर कुछ उपभोक्ताओं ने यह शिकायत की थी कि अनुबंधित कंपनी के कर्मचारी उन पर मीटर बदलवाने के लिए दबाव बना रहे हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा निगम ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि उपभोक्ताओं पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला जाएगा। हालांकि, नियमानुसार चरणबद्ध तरीके से मीटर बदले जाते रहेंगे। यदि कोई उपभोक्ता स्वेच्छा से पहले नया मीटर लगवाना चाहता है, तो वह ऊर्जा निगम से संपर्क कर सकता है।

पोस्टपेड व्यवस्था में भी मिलेगी स्मार्ट सुविधाएं

हालांकि स्मार्ट मीटर की शुरुआत पोस्टपेड मोड में होगी, लेकिन उपभोक्ताओं को डिजिटल तकनीक का लाभ मिल सकेगा। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को मोबाइल एप के जरिए बिजली खपत की निगरानी करने की सुविधा देगा। इससे वे हर आधे घंटे या एक घंटे के अंतराल पर अपनी बिजली खपत की जानकारी देख सकेंगे।

इसके अलावा, ऊर्जा निगम भी हर उपभोक्ता की बिजली खपत का रिकॉर्ड कंट्रोल रूम से मॉनिटर कर सकेगा, जिससे अनावश्यक बिजली व्यय पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी।

स्मार्ट मीटर परियोजना के तहत उपभोक्ताओं को पहले से अधिक पारदर्शिता और सुविधा प्रदान की जा रही है। इससे बिजली आपूर्ति प्रणाली में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत पर अधिक नियंत्रण मिलेगा।

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