देहरादून के चौक-चौराहों का होगा ऐतिहासिक कायाकल्प: जिलाधिकारी सविन बंसल ने 10 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी
देहरादून, 07 फरवरी 2025: देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल शहर के प्रमुख चौक-चौराहों को पौराणिक धरोहरों और लोक संस्कृति से सौंदर्यीकृत करने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। इसके तहत दिलाराम चौक, कुठालगेट, साईं मंदिर जंक्शन और घंटाघर जैसे प्रमुख स्थलों को सुंदर और सुरक्षित बनाने के लिए 10 करोड़ की धनराशि जुटाई गई है।
जिलाधिकारी ने सभी कार्यों के लिए एकमुश्त टेंडर जारी कर दिए हैं, जिसमें सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक लाइटें, सांस्कृतिक कलाकृतियां और ड्रेनेज सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं को शामिल किया गया है। इन कार्यों में एक वर्ष का रखरखाव अनिवार्य होगा, जिसे तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है।
सड़क सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत का अनूठा संगम
सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत, जिलाधिकारी द्वारा 11 प्रमुख जंक्शनों पर ट्रैफिक सिग्नल, आईएसबीटी चौक से आउटफॉल तक ड्रेनेज सिस्टम निर्माण और मौजूदा नालों की सफाई की योजना बनाई गई है। वहीं, दिलाराम चौक पर विशेष सांस्कृतिक दीवार बनाई जाएगी, जो स्थानीय कला और परंपरा को प्रदर्शित करेगी।
चौराहों पर दिखेगी उत्तराखंड की समृद्ध विरासत
देहरादून के महत्वपूर्ण चौराहों को उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक लोक कला और ऐतिहासिक आंदोलनों से जोड़ा जाएगा। लोक परंपराओं, धार्मिक स्थलों और आंदोलनकारियों की स्मृति से प्रेरित कलाकृतियां चौराहों को सजाएंगी, जिससे पर्यटकों को राज्य की समृद्ध विरासत का अनुभव मिलेगा।
राज्य आंदोलन की स्मृतियों को मिलेगा स्थान
चौराहों के सौंदर्यीकरण के साथ ही उत्तराखंड राज्य आंदोलन से जुड़ी विभूतियों और ऐतिहासिक घटनाओं को विशेष स्थान दिया जाएगा। इससे न केवल शहर की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि यातायात प्रबंधन और सड़क सुरक्षा भी मजबूत होगी।
देहरादून का यह अभूतपूर्व कायाकल्प शहर को एक नई पहचान देगा, जहां आधुनिकता के साथ सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
देहरादून, 07 फरवरी 2025: देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल शहर के प्रमुख चौक-चौराहों को पौराणिक धरोहरों और लोक संस्कृति से सौंदर्यीकृत करने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे हैं। इसके तहत दिलाराम चौक, कुठालगेट, साईं मंदिर जंक्शन और घंटाघर जैसे प्रमुख स्थलों को सुंदर और सुरक्षित बनाने के लिए 10 करोड़ की धनराशि जुटाई गई है।
जिलाधिकारी ने सभी कार्यों के लिए एकमुश्त टेंडर जारी कर दिए हैं, जिसमें सड़क सुरक्षा, ट्रैफिक लाइटें, सांस्कृतिक कलाकृतियां और ड्रेनेज सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं को शामिल किया गया है। इन कार्यों में एक वर्ष का रखरखाव अनिवार्य होगा, जिसे तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है।
सड़क सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत का अनूठा संगम
सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत, जिलाधिकारी द्वारा 11 प्रमुख जंक्शनों पर ट्रैफिक सिग्नल, आईएसबीटी चौक से आउटफॉल तक ड्रेनेज सिस्टम निर्माण और मौजूदा नालों की सफाई की योजना बनाई गई है। वहीं, दिलाराम चौक पर विशेष सांस्कृतिक दीवार बनाई जाएगी, जो स्थानीय कला और परंपरा को प्रदर्शित करेगी।
चौराहों पर दिखेगी उत्तराखंड की समृद्ध विरासत
देहरादून के महत्वपूर्ण चौराहों को उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक लोक कला और ऐतिहासिक आंदोलनों से जोड़ा जाएगा। लोक परंपराओं, धार्मिक स्थलों और आंदोलनकारियों की स्मृति से प्रेरित कलाकृतियां चौराहों को सजाएंगी, जिससे पर्यटकों को राज्य की समृद्ध विरासत का अनुभव मिलेगा।
राज्य आंदोलन की स्मृतियों को मिलेगा स्थान
चौराहों के सौंदर्यीकरण के साथ ही उत्तराखंड राज्य आंदोलन से जुड़ी विभूतियों और ऐतिहासिक घटनाओं को विशेष स्थान दिया जाएगा। इससे न केवल शहर की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि यातायात प्रबंधन और सड़क सुरक्षा भी मजबूत होगी।
देहरादून का यह अभूतपूर्व कायाकल्प शहर को एक नई पहचान देगा, जहां आधुनिकता के साथ सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
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