उत्तरकाशी में फिर महसूस किए गए भूकंप के झटके
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार दोपहर एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया। दोपहर करीब 3:28 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई, जिसका केंद्र अस्सी गंगा क्षेत्र के कफलों में जमीन से 5 किमी नीचे स्थित था। भूकंप महसूस होते ही लोग घबराकर घरों और दुकानों से बाहर निकल आए।
एक हफ्ते में तीन दिन भूकंप, लोगों में डर का माहौल
उत्तरकाशी में हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं क्योंकि पिछले एक सप्ताह में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। शुक्रवार को भी उत्तरकाशी में तीन बार भूकंप आया था, जिससे स्थानीय लोग काफी डरे हुए हैं। इसके अलावा, इस महीने उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं।
आज सुबह भी आया था भूकंप
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, मंगलवार सुबह 7:41 बजे पहला भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 2.7 मापी गई। इसके बाद 8:19 बजे एक और झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 3.5 थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, पौने 11 बजे भी हल्के झटके महसूस किए गए।
उत्तराखंड में जनवरी में पांचवीं बार आया भूकंप
अगर इस महीने की बात करें, तो 10 जनवरी को बागेश्वर जिले में रात 1 बजे के बाद 2.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। अब उत्तरकाशी में बार-बार आ रहे झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
पिछले महीने भी पांच बार आया था भूकंप
उत्तराखंड में भूकंप का खतरा लगातार बना हुआ है। दिसंबर में भी राज्य में पांच बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने पूरे देश में कुल 44 भूकंप आए, जिनमें सबसे ज्यादा मणिपुर में 6 और उत्तराखंड व असम में 5-5 बार भूकंप दर्ज किए गए।
भूकंप क्यों आता है? जानिए इसका वैज्ञानिक कारण
पृथ्वी के अंदर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार गति करती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो उनके किनारों पर अत्यधिक दबाव बनने लगता है। ज्यादा दबाव पड़ने से ये प्लेट्स टूटने लगती हैं, जिससे अंदर की ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है। इसी प्रक्रिया के कारण भूकंप के झटके महसूस होते हैं। उत्तराखंड भूकंप संभावित क्षेत्र (सीस्मिक जोन) में आता है, इसलिए यहां बार-बार भूकंप आने की संभावना बनी रहती है।
भूकंप से बचाव के लिए क्या करें?
बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। भूकंप के दौरान खुले स्थान पर जाना, घर में भारी सामान को सुरक्षित रखना और आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के झटकों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और प्रशासन की गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए।
उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों में लगातार आ रहे भूकंप के झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में भूगर्भीय हलचलें सक्रिय हैं, जिससे भविष्य में भी झटके महसूस किए जा सकते हैं।