उत्तरकाशी में शुक्रवार सुबह महसूस हुए भूकंप के झटके
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार की सुबह धरती हिलने से लोग दहशत में आ गए। सुबह करीब 7:41 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई। इसका केंद्र तिलोथ क्षेत्र के पास था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि रोजमर्रा के कामों में व्यस्त लोग अपने घरों से बाहर निकलने पर मजबूर हो गए।
दूसरे झटके का केंद्र दायरा बुग्याल का वन क्षेत्र
पहले झटके के कुछ समय बाद सुबह 8:19 बजे एक और भूकंप महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 3.5 थी। इसका केंद्र तहसील भटवाड़ी के दायरा बुग्याल क्षेत्र में स्थित था। वहीं, तीसरा हल्का झटका 10:59 बजे दर्ज किया गया। इन झटकों के बाद स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की।
वरुणावत पर्वत से गिरे पत्थर
भूकंप के झटकों के दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन जोन से पत्थर गिरने की घटनाएं भी सामने आईं। यह क्षेत्र पहले भी कई बार भूस्खलन का शिकार हो चुका है। हालांकि, राहत की बात यह है कि इन झटकों से अब तक किसी भी प्रकार की जानमाल की हानि की सूचना नहीं है।
1991 की त्रासदी की यादें हुईं ताजा
शुक्रवार को आए इन भूकंपों ने वर्ष 1991 में उत्तरकाशी में आए विनाशकारी भूकंप की कड़वी यादें ताजा कर दीं। उस समय 6.6 तीव्रता के भूकंप ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया था, जिसमें भारी जानमाल का नुकसान हुआ था।
लगातार झटकों का सिलसिला जारी
1991 की त्रासदी के बाद से उत्तरकाशी क्षेत्र में छोटे-मोटे भूकंपों का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब तक यहां 70 से अधिक छोटे भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं। भूकंप की इस बढ़ती गतिविधि ने क्षेत्र के लोगों को हमेशा सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया है।
प्रशासन की अपील
स्थानीय प्रशासन ने भूकंप के झटकों को देखते हुए लोगों से अपील की है कि वे किसी भी आपात स्थिति में घबराएं नहीं और सतर्कता बनाए रखें। साथ ही, भूकंप से हुए नुकसान का आकलन करने का काम जारी है।
उत्तरकाशी में बार-बार आने वाले भूकंपों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या इस क्षेत्र में भूगर्भीय गतिविधियां और भी खतरनाक हो सकती हैं। प्रशासन और वैज्ञानिक इन झटकों के पीछे के कारणों की जांच कर रहे हैं।
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