बागेश्वर जिले के ठाकुरद्वारा वार्ड में एक नवजात बच्ची को कपड़े में लपेटकर झाड़ियों में फेंक दिया गया। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने उसे बचाया और पुलिस को इसकी जानकारी दी। बच्ची को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे लगभग छह-सात दिन का बताया।
मंदिर के पास झाड़ियों से आई रोने की आवाज
सोमवार सुबह ठाकुरद्वारा वार्ड स्थित नृसिंह मंदिर के पुजारी राकेश तिवारी पूजा के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मंदिर के पास की झाड़ियों से एक बच्ची के रोने की आवाज सुनी। उन्होंने पास ही बकरी चरा रहे आनंद सिंह मेहरा को आवाज लगाई और वार्ड के अन्य निवासी रमेश तिवारी को भी सूचित किया।
झाड़ियों में कपड़े में लिपटी मिली बच्ची
तीनों ने मिलकर झाड़ियों में खोजबीन की, तो उन्हें एक कट्टे के अंदर कपड़े में लिपटी हुई बच्ची मिली। बच्ची को तुरंत घर लाकर दूध पिलाया गया। बच्ची के मिलने की खबर पूरे वार्ड में फैल गई, और मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।
पुलिस और डॉक्टरों की तत्परता
मामले की सूचना मिलते ही कोतवाल कैलाश नेगी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बच्ची को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर दीपाली मकवाना ने उसकी जांच की। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की उम्र लगभग छह-सात दिन है और फिलहाल उसकी स्थिति स्थिर है।
नगर में चर्चा का विषय बना मामला
इस घटना के बाद नगर में पूरे दिन इस बच्ची को लेकर चर्चाओं का माहौल गर्म रहा। स्थानीय लोग बच्ची को फेंकने वाले की तलाश और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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