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वेतन, पेंशन और विकास कार्यों का बढ़ता बजट

उत्तराखंड सरकार को आगामी वित्तीय वर्ष में वेतन, पेंशन, भत्तों, विकास कार्यों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बढ़ते बजट भार को संभालने के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। राज्य सरकार के राजस्व जुटाने वाले विभागों को कर (टैक्स) और करेत्तर (गैर-टैक्स) आय में वृद्धि के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। अनुमान है कि कर राजस्व में लगभग 3500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय जुटानी होगी।

राजस्व लक्ष्य की स्थिति और उपलब्धि

चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कर और करेत्तर राजस्व का लक्ष्य 27,383 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था। 9 जनवरी 2025 तक राज्य सरकार ने 18,777 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो कुल लक्ष्य का लगभग 69% है। विभिन्न विभागों की प्रदर्शन स्थिति इस प्रकार है:

  • एसजीएसटी: 66% लक्ष्य प्राप्त
  • आबकारी: 77% लक्ष्य प्राप्त
  • वैट: 78% लक्ष्य प्राप्त
  • परिवहन: 68% लक्ष्य प्राप्त
  • स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन: 76% लक्ष्य प्राप्त
  • खनन: 81% लक्ष्य प्राप्त (सबसे अधिक)

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर बढ़ता खर्च

राज्य सरकार लगातार गरीबों, कमजोर वर्गों, वृद्धों, महिलाओं और दिव्यांगों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का बजट बढ़ा रही है। इसके साथ ही कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन पर होने वाला खर्च भी हर वर्ष बढ़ रहा है। इन वचनबद्ध मदों के कारण राजस्व खर्च का भार लगातार बढ़ता जा रहा है।

केंद्र सरकार के अनुदान की भूमिका

राज्य की वित्तीय स्थिति को संभालने में केंद्र सरकार से मिलने वाले अनुदान का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके बावजूद, प्रदेश सरकार ने अपने स्वयं के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के लिए पिछले पांच वर्षों में कर राजस्व में 7,732 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि की है।

वसूली में पिछड़ रहे विभाग

हालांकि, कुछ विभागों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है।

  • ऊर्जा विभाग: करेत्तर राजस्व का केवल 14% और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी का 50% ही वसूला गया।
  • वन विभाग: करेत्तर राजस्व का 50% लक्ष्य पूरा।
  • जल कर: केवल 27% लक्ष्य की प्राप्ति।

आगामी वित्तीय वर्ष के लिए रणनीति

प्रदेश सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में कर राजस्व लक्ष्य को 26,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की योजना बनाई है। विभागों को अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा ताकि राजस्व बढ़ाने के लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जा सके।

निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार को अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए कर और करेत्तर राजस्व जुटाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। साथ ही, वंचित विभागों के प्रदर्शन में सुधार करना अनिवार्य होगा ताकि विकास कार्यों और सामाजिक योजनाओं का बजट संतुलित रखा जा सके।

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