मकर संक्रांति के पावन पर्व पर कड़ाके की ठंड भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं पाई। उत्तरकाशी से लेकर हरिद्वार तक गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। गंगा यमुना के संगम तट से लेकर हरिद्वार के ब्रह्मकुंड तक श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने के लिए तड़के से ही स्नान के लिए पहुंचे।
उत्तरकाशी के गंगनानी कुंड में तड़के से ही ढोल-नगाड़ों की गूंज और “मां गंगा” के जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालु स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने के लिए उमंग और उत्साह से भरे नजर आए। वहीं, हरिद्वार में ब्रह्मकुंड पर भीड़ का आलम ऐसा था कि हर तरफ श्रद्धालुओं की कतारें लगी हुई थीं। देव डोलियों ने भी गंगा स्नान कर पर्व को विशेष बना दिया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
हरिद्वार में मकर संक्रांति स्नान पर्व को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र को आठ जोन और 21 सेक्टरों में विभाजित किया। सीसीटीवी कैमरों से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही थी। सुरक्षा के लिए नौ पुलिस उपाधीक्षक, 11 निरीक्षक, 87 उपनिरीक्षक, 152 हेड कांस्टेबल और 344 प्रशिक्षु हेड कांस्टेबल तैनात किए गए। इसके अलावा, पांच कंपनियां, एक प्लाटून, एक सेक्शन पीएसी/आईआरबी, तीन बम निरोधक दस्ते, एक एटीएस टीम और 16 गोताखोरों की टीम भी सुरक्षा व्यवस्था में जुटी रही।
ठंड पर भारी पड़ी श्रद्धा
कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। हजारों लोगों ने गंगा और भागीरथी में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। रवांई क्षेत्र के गंगनानी कुंड में आसपास के गांवों के अलावा दूरदराज इलाकों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
मकर संक्रांति के इस पर्व ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आस्था के आगे हर बाधा छोटी पड़ जाती है। गंगा तटों पर श्रद्धालुओं की उमंग और भक्ति का यह नजारा अद्भुत और प्रेरणादायक था।
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