उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आज प्रथम अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में 17 देशों से आए प्रवासी उत्तराखंडियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य की सांस्कृतिक परंपराओं और विकास की उपलब्धियों को साझा किया गया।
उत्तराखंड की संस्कृति से हुआ भव्य स्वागत
सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रवासी उत्तराखंडी शनिवार को ही देहरादून पहुंच गए थे। एयरपोर्ट और होटलों पर पारंपरिक उत्तराखंडी रीति-रिवाजों और संस्कृति के साथ उनका स्वागत किया गया, जिसने उन्हें भावुक और गौरवान्वित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, “उत्तराखंड आज हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। यह गर्व की बात है कि हमारा राज्य शिक्षा, विज्ञान, उद्योग, व्यापार और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में अग्रणी बन रहा है। आप सभी प्रवासियों का अनुभव और सुझाव हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।”
विभिन्न सत्रों में हुई चर्चा
सम्मेलन के दौरान निवेश, पर्यटन, कौशल विकास, विदेश में रोजगार, उच्च शिक्षा और हर्बल मेडिसिन जैसे विषयों पर चार अलग-अलग सत्र आयोजित किए गए।
- उद्योग विभाग: विनिर्माण, ऊर्जा और स्टार्टअप में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा।
- पर्यटन विभाग: हॉस्पिटैलिटी और वेलनेस को बढ़ावा देने पर विचार।
- कौशल विकास विभाग: विदेशों में रोजगार के अवसरों और कौशल विकास पर सत्र।
- कृषि विभाग: हर्बल मेडिसिन और एरोमेटिक पौधों के महत्व पर विचार-विमर्श।
प्रवासी उत्तराखंडियों की भागीदारी
सम्मेलन में विदेशों में रहकर विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों ने हिस्सा लिया। इनमें दुबई के गिरीश चंद्र पंत, चीन के देव रतूड़ी, अमेरिका की डॉ. अनिता शर्मा, जापान के भुवन तिवारी, सिंगापुर के सुनील थपलियाल और थाईलैंड के डॉ. ए.के. काला जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल थे।
प्रवासियों को राज्य से जोड़ने की पहल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए यह पहल की। दिसंबर 2023 में आयोजित इन्वेस्टर समिट से पहले सीएम धामी ने विदेश दौरा किया था, जहां प्रवासियों ने उनका पारंपरिक रीति-रिवाजों से स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने प्रवासियों के अनुभवों को राज्य के विकास में शामिल करने के लिए प्रवासी उत्तराखंडी सेल का गठन किया और इस सम्मेलन की योजना बनाई।
प्रवासियों ने जताया आभार
यूएई से आए शैलेंद्र नेगी ने कहा, “उत्तराखंड की संस्कृति से स्वागत होना एक अनोखा अनुभव रहा। यह सम्मेलन हमें अपनी मिट्टी से जुड़ने और राज्य के विकास में योगदान देने का अवसर प्रदान करता है।”
यह सम्मेलन न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का मंच बना, बल्कि राज्य के विकास में प्रवासियों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।