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नए साल की शुरुआत से उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी न होने के कारण लोग सूखी ठंड का सामना कर रहे थे। लेकिन आज मौसम ने करवट ली, और पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक ठंड में भारी इजाफा हुआ। मसूरी, औली, चकराता और नैनीताल समेत कई स्थानों पर बर्फबारी ने पूरे इलाके को बर्फ की सफेद चादर से ढक दिया। खेत-खलिहान और पैदल रास्ते बर्फ से जम गए हैं, जिससे ठंड का असर और गहराता जा रहा है।

मैदानी इलाकों में बारिश और कोहरे का असर
मैदानी क्षेत्रों में बारिश के साथ छाए घने कोहरे ने तापमान में भारी गिरावट दर्ज कराई है। ठंडी हवाओं ने ठंडक को और बढ़ा दिया है। नैनीताल में इस साल का पहला हिमपात हुआ, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का नजारा
बदरीनाथ, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, औली और गौरसों बुग्याल जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई। औली में बर्फबारी के बाद यहां बर्फ की मोटी परत जम गई है। बर्फबारी के कारण पर्यटकों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जिससे होटल और लॉज पूरी तरह से भरे हुए हैं। चकराता के लौखंडी, कोटी-कनासर, जाड़ी, बुल्हाड़, देववन और केराड़ जैसे क्षेत्रों में भी भारी बर्फबारी हुई, जिससे जमीन पर कई इंच मोटी बर्फ जम गई है।

किसानों और फसलों के लिए राहत
पर्वतीय इलाकों में हुई बर्फबारी स्थानीय किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। फसलों और फलों के लिए यह मौसम बेहद लाभकारी माना जा रहा है। मुक्तेश्वर, धानाचूली, रामगढ़, कसियालेख और मनाघेर जैसे क्षेत्रों में बर्फबारी के नजारे देखने को मिले, जहां पहाड़ियां और खेत सफेद चादर से ढके नजर आए।

मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों के लिए कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, देहरादून, नैनीताल, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी और चंपावत जिलों में बिजली चमकने और तेज गर्जना की संभावना जताई गई है।

इस बदले हुए मौसम ने न सिर्फ ठंड में इजाफा किया है, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा दिया है। बर्फबारी के इन खूबसूरत नजारों का आनंद लेने के लिए लोग पहाड़ी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं।

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