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उत्तराखंड में कई महत्वपूर्ण आयोगों और समितियों के अध्यक्ष पद खाली हो गए हैं, जिनमें अल्पसंख्यक आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग, महिला आयोग, और श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति शामिल हैं। इन पदों पर नियुक्तियों का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है।

अल्पसंख्यक आयोग की कुर्सी एक साल से खाली
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद दिसंबर 2023 से खाली है। इसके अलावा, आयोग में उपाध्यक्षों के पद भी खाली हो चुके हैं। सरदार इकबाल सिंह का कार्यकाल अप्रैल 2024 में और मजहर नईम नवाब का कार्यकाल सितंबर 2024 में समाप्त हो गया था।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग और महिला आयोग के कार्यकाल समाप्त
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग में डॉ. गीता खन्ना को छह जनवरी 2022 को अध्यक्ष बनाया गया था। उनके साथ छह अन्य सदस्यों को भी नामित किया गया था। लेकिन इस सप्ताह उनका तीन साल का कार्यकाल समाप्त हो गया। इसी प्रकार, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल का कार्यकाल भी पूरा हो गया है।

श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष का कार्यकाल भी खत्म
श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है। यह समिति राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों में अहम भूमिका निभाती है।

निकाय चुनाव के बाद हो सकता है दायित्व बंटवारा
राज्य में फिलहाल निकाय चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है। इसके चलते नए दायित्वों का बंटवारा रुका हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद धामी सरकार इन खाली पदों पर नियुक्तियां करेगी और आयोगों के कार्य को फिर से सक्रिय करेगी।

सरकार के सामने चुनौती है कि इन महत्वपूर्ण पदों पर सही और सक्षम व्यक्तियों को नियुक्त कर राज्य के प्रशासनिक और सामाजिक तंत्र को मजबूत बनाया जाए।

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