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देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी भवनों को पर्यावरण अनुकूल ग्रीन बिल्डिंग के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम तेजी से उठाए जा रहे हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने व्यय वित्त समिति की बैठक में इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी किए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी भवनों के निर्माण में सोलर पैनल, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और वॉटर रीसाइक्लिंग जैसी तकनीकों का उपयोग अनिवार्य किया जाए।

मुख्य सचिव ने सरकारी अतिथि गृहों के सदुपयोग को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अति विशिष्ट अतिथियों के अलावा, खाली रहने पर इन अतिथि गृहों को भुगतान के आधार पर पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराया जाए।

नर्सिंग छात्रों को विदेशी भाषाओं की शिक्षा की पहल

बैठक में नर्सिंग कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए विदेशी भाषाओं की शिक्षा का विकल्प प्रदान करने पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया कि विदेशी भाषाओं की पढ़ाई के लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूल और अन्य परियोजनाओं को मंजूरी

मुख्य सचिव ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए हरिद्वार के मक्खनपुर में अंग्रेजी माध्यम के आदर्श आवासीय विद्यालय के निर्माण को मंजूरी दी। इसके साथ ही, पिथौरागढ़ और टनकपुर में नए राज्य अतिथि गृह, टनकपुर बस टर्मिनल, मोहकमपुर देहरादून में कर्मचारियों के लिए 32 आवासीय भवन, और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज के निर्माण को भी स्वीकृति दी गई।

ग्रीन भवन निर्माण के लिए कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश

सरकारी भवनों को ग्रीन बिल्डिंग में बदलने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि वे निर्माण कार्य में पर्यावरण-संवेदनशील तकनीकों को प्राथमिकता दें। इससे राज्य के भवन न केवल ऊर्जा-कुशल होंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगे।

यह पहल उत्तराखंड को सतत विकास की दिशा में एक नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास है।

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