देहरादून में साइबर ठगों ने एक 74 वर्षीय बुजुर्ग महिला को गिरफ्तारी और एनकाउंटर का डर दिखाकर 14 दिनों तक मानसिक उत्पीड़न किया और 61 लाख रुपये ठग लिए। यह रकम महिला ने अपने गहने गिरवी रखकर और बैंक खातों से निकालकर ठगों को दी। अब पीड़िता ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
क्रेडिट कार्ड के अनैतिक लेनदेन का बहाना
जीएमएस रोड निवासी उमेश बाला शर्मा, जिनके पति हिमालयन भूगर्भ संस्थान से सेवानिवृत्त थे, अपने बीमार बेटे के साथ रहती हैं। चार दिसंबर को उन्हें एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें दावा किया गया कि उनके क्रेडिट कार्ड से डेढ़ लाख रुपये का अनैतिक लेनदेन हुआ है। कॉल करने वाले ने खुद को हैदराबाद क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताया और उनसे आधार कार्ड चोरी होने की जानकारी ली।
आधार कार्ड के जरिए अपराध का आरोप
महिला ने बताया कि कुछ समय पहले हरिद्वार यात्रा के दौरान उनका पर्स चोरी हो गया था, जिसमें आधार कार्ड भी था। ठगों ने इसी आधार कार्ड का उपयोग कर क्रेडिट कार्ड से अपराध होने का आरोप लगाया और उन्हें एक कुख्यात अपराधी के गिरोह से जोड़ते हुए गिरफ्तारी की धमकी दी।
सीबीआई अधिकारी बनकर डराया
इसके बाद एक अन्य कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि महिला का नाम अपराधी नरेश गोयल के गैंग से जुड़ चुका है। गिरफ्तारी से बचने के लिए ठगों ने 10 लाख रुपये एक खाते में ट्रांसफर करने को कहा। महिला ने डर के कारण तुरंत यह रकम भेज दी।
एनकाउंटर की धमकी देकर और रकम मांगी
ठगों ने महिला को बार-बार फोन कर कभी एनकाउंटर का डर दिखाया तो कभी जेल में डालने की धमकी दी। 14 दिनों के भीतर उनसे कुल 61 लाख रुपये की ठगी की गई। ठगों ने पांच दिसंबर को 12 लाख, छह दिसंबर को 9 लाख, सात दिसंबर को 10 लाख और 11 दिसंबर को 13 लाख रुपये ट्रांसफर कराए।
गहने गिरवी रखकर बचाई जान
ठगों ने 18 दिसंबर को फिर फोन कर 7 लाख रुपये की मांग की। महिला ने अपने गहने गिरवी रखकर यह रकम भी उनके खाते में जमा कर दी। इस दौरान ठग लगातार उन्हें किसी को भी इस बारे में जानकारी देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते रहे।
पुलिस जांच में जुटी
ठगी के बाद जब महिला के पास पैसे खत्म हो गए, तब उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सीओ साइबर अंकुश मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर से साइबर अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस को उजागर किया है और नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया है।
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