नैनीताल। देश की दूसरी सबसे पुरानी नगरपालिका नैनीताल में इस बार का चुनाव ऐतिहासिक होने जा रहा है। पहली बार नगर पालिका अध्यक्ष का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित किया गया है। शहरी विकास विभाग द्वारा जारी अंतिम आरक्षण सूची में यह बदलाव किया गया। पहले इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया था, लेकिन अब यह सामान्य महिला श्रेणी में आ गया है।
इस बदलाव ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं। भाजपा और कांग्रेस की महिला दावेदार अब टिकट पाने की होड़ में जुट गई हैं। वहीं, विधायक सरिता आर्य के बेटे मोहित आर्य का चेयरमैन बनने का सपना टूट गया है। पहले यह पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था, जिसके चलते मोहित आर्य ने पूरे शहर में अपने प्रचार के होर्डिंग्स लगाए थे।
परिवारवाद पर रोक के लिए बदला आरक्षण
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा संगठन के पर्यवेक्षकों की रायशुमारी में अधिकांश कार्यकर्ताओं ने विधायक पुत्र को टिकट देने का विरोध किया। कार्यकर्ताओं का मानना था कि परिवारवाद का मुद्दा चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इस विरोध के चलते आरक्षण में बदलाव किया गया और अब भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती बढ़ गई है।
महिला दावेदारों की सूची तैयार
आरक्षण बदलने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की महिला दावेदार सक्रिय हो गई हैं।
- भाजपा से संभावित दावेदार: महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष जीवंती भट्ट, ज्योति ढौंडियाल, पूर्व दर्जा मंत्री शांति मेहरा, कविता गंगोला और रीना मेहरा।
- कांग्रेस से संभावित दावेदार: डॉ. सरस्वती खेतवाल, सपना बिष्ट और डॉ. भावना भट्ट।
पालिका के 15 वार्डों का आरक्षण तय
नैनीताल नगरपालिका के 15 वार्डों के आरक्षण की तस्वीर भी साफ हो गई है।
- अनारक्षित वार्ड: श्री कृष्णापुर, मल्लीताल बाजार, आवागढ़, नैनीताल क्लब, अपर माल, अयारपाटा, नारायण नगर और स्नोव्यू।
- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित: स्टाफ हाउस और शेर का डांडा।
- अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित: राजभवन और हरिनगर।
- पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित: सूखाताल।
- सामान्य महिला के लिए आरक्षित: सैनिक स्कूल वार्ड।
नैनीताल नगर पालिका का गौरवशाली इतिहास
नैनीताल नगर पालिका की स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। इसे साफ-सुथरा और प्रदूषण मुक्त बनाए रखने के लिए विशेष बायलॉज बनाए गए थे, जो आज भी लागू हैं।
- सार्वजनिक स्थान पर गंदगी फैलाने पर जुर्माने का प्रावधान।
- ट्रैफिक नियंत्रण के लिए लेक ब्रिज टैक्स।
- नालों के दोनों ओर आठ मीटर के दायरे में निर्माण पर पाबंदी।
- झील में कचरा या शौच करने पर जुर्माना।
- आवारा जानवरों को पकड़कर गौशाला भेजने का नियम।
पालिकाध्यक्षों की सूची (1941-2024):
- 1941-1953: जसौद सिंह बिष्ट
- 1953-1964: मनोहर लाल साह
- 1964-1971: बालकृष्ण सनवाल
- 1971-1977: किशन सिंह तड़ागी
- 1988-1994: राम सिंह रावत
- 1997-2002: संजय कुमार संजू
- 2002-2008: सरिता आर्य
- 2008-2013: मुकेश जोशी मंटू
- 2013-2018: श्याम नारायण
- 2018-2024: सचिन नेगी
इस बार का चुनाव न केवल आरक्षण बदलने के कारण बल्कि सामान्य महिला के लिए अध्यक्ष पद आरक्षित होने के चलते ऐतिहासिक साबित होगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों को अब महिला नेतृत्व के जरिए अपनी राजनीतिक रणनीतियों को मजबूत करना होगा।
यह भी पढें- उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव: 23 जनवरी को मतदान, आचार संहिता लागू