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श्रीनगर स्थित बेस अस्पताल में लंबे समय से डायलिसिस सेवाओं में आ रही समस्याओं का समाधान करते हुए एक नई इमरजेंसी डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ किया गया। प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस यूनिट का लोकार्पण किया। नई डायलिसिस मशीन के स्थापित होने से अब मरीजों को स्थानीय स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधा प्राप्त होगी।

डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि डायलिसिस मशीनों की देखरेख और संचालन की जिम्मेदारी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और उनकी टीम के अधीन होगी। इस टीम में एक फिजिशियन, एक एनेस्थेटिस्ट, प्रशिक्षित नर्सिंग अधिकारी और नोडल अधिकारी (मेंटेनेंस) शामिल रहेंगे। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि डायलिसिस सेवाओं की नियमित निगरानी की जाए और भविष्य में मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत, विशेषज्ञ चिकित्सक, डायलिसिस टीम और सहायक स्टाफ के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

लंबे समय से बंद थी डायलिसिस सेवा

गौरतलब है कि बेस अस्पताल में पहले से उपलब्ध डायलिसिस मशीन खराब हो चुकी थी, जिसे चालू करने के कई प्रयास विफल रहे। इसके साथ ही एआरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) मशीन भी बदलनी पड़ी, लेकिन इसका भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला। इस कारण मरीजों को डायलिसिस के लिए देहरादून या ऋषिकेश जैसे शहरों का रुख करना पड़ता था, जिससे न केवल उनका समय बर्बाद होता था बल्कि आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान उठाना पड़ता था।

मरीजों की समस्याओं को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने एक नई डायलिसिस मशीन स्थापित की है। इस नई सुविधा के माध्यम से मरीजों को अब समय पर और किफायती चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी। उम्मीद है कि इस पहल से क्षेत्र के मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

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