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देहरादून: ऑनलाइन निवेश घोटालों का शिकार बनते हुए उत्तराखंड के एक 87 वर्षीय बुजुर्ग से साइबर ठगों ने 3 करोड़ 77 लाख 90 हजार रुपये ठग लिए। घटना का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

कैसे बुजुर्ग फंसे ठगों के जाल में?
जाखन निवासी वरिष्ठ नागरिक एमसी शर्मा, जो पहले विदेश में नौकरी करते थे और 2002 में देहरादून लौटे, ने अगस्त में फेसबुक पर एक वीडियो देखा। वीडियो में रतन टाटा के नाम का इस्तेमाल करते हुए भारतीय नागरिकों को आरबीआई में धन निवेश करने की सलाह दी गई थी। वीडियो में दिए गए लिंक पर क्लिक करने के बाद एक वेबसाइट खुली, जिसमें एक फॉर्म भरने पर एक महिला ने उनसे संपर्क किया।

निवेश का लालच और ठगी की शुरुआत
30 अगस्त को महिला द्वारा बताई गई स्कीम के तहत बुजुर्ग ने निवेश करना शुरू किया। इसके बाद उन्हें एक वित्तीय सलाहकार रमन सिंह से जोड़ा गया, जिसने बड़ा मुनाफा कमाने के लिए अधिक राशि निवेश करने की सलाह दी। शुरुआत में बुजुर्ग ने आठ लाख रुपये निवेश किए, जिसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इन्वेस्टमेंट में इसाक जानसन पाल नादर के नाम पर ट्रांसफर किया गया।

20 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच रमन सिंह ने अपने सीनियर संजीव अग्रवाल, जो कथित रूप से अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग प्रभारी थे, से बात कराई। संजीव ने बताया कि निवेश पर भारी मुनाफा हुआ है। ट्रेडिंग की जानकारी न होने के कारण बुजुर्ग लगातार ठगों के कहने पर निवेश करते रहे। इस दौरान उन्होंने कुल 3.77 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया।

ठगी का एहसास और मामला दर्ज
जब बुजुर्ग ने अपनी धनराशि वापस मांगी, तो ठगों ने उन्हें सभी ग्रुपों से बाहर कर दिया और उनके फोन बंद कर दिए। तब जाकर उन्हें ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया।

दूसरी घटना: ऋषिकेश में महिला से 75 हजार रुपये की ठगी
ऋषिकेश में एक अन्य घटना में साइबर ठगों ने चौहद बीघा निवासी संगीता नामक महिला को 75 हजार रुपये का चूना लगाया। ठग ने खुद को आंगनबाड़ी केंद्र का कर्मचारी बताते हुए महिला को उनके बच्चे के पोषाहार और खाते में धनराशि भेजने का झांसा दिया।

ठग ने महिला के मोबाइल पर एक लिंक भेजा और उस पर सहमति देने को कहा। जैसे ही महिला ने लिंक पर क्लिक किया, उनके खाते से 75 हजार रुपये कट गए। मामले की जानकारी मिलने पर महिला ने आंगनबाड़ी केंद्र से संपर्क किया, जहां इस तरह की किसी योजना के बारे में जानकारी से इनकार किया गया।

सावधानी ही बचाव है
साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने या संदिग्ध फोन कॉल्स पर भरोसा करने से पहले सतर्क रहें। ऐसे घोटालों से बचने के लिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों से जानकारी की पुष्टि करें।

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