उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण की नई नियमावली को मंजूरी दे दी गई है। अब राज्य के सभी नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण इसी नियमावली के तहत लागू किया जाएगा। शहरी विकास निदेशालय इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करेगा और इसे जिलों को भेजा जाएगा। इसके बाद जिलाधिकारी स्तर पर आरक्षण प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
नई नियमावली के तहत होगा आरक्षण
प्रदेश के 102 नगर निकायों, जिनमें नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतें शामिल हैं, में ओबीसी आरक्षण अब नई नियमावली के आधार पर तय किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, इस बार ओबीसी आरक्षण एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर लागू किया जाएगा।
2018 तक सभी निकायों में 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू था, लेकिन अब आरक्षण निकायों में ओबीसी आबादी के अनुपात के आधार पर तय किया जाएगा। इससे मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष सहित सभी पदों पर आरक्षण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाया जाएगा।
शहरी विकास निदेशालय करेगा प्रस्ताव तैयार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में उत्तराखंड (नगर पालिका, नगर पंचायत स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली 2024 और उत्तराखंड नगर निगम (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली 2024 को मंजूरी दी। इसके तहत सभी निकायों में आरक्षण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
शहरी विकास निदेशालय अब आरक्षण प्रस्ताव तैयार करेगा और जिलों को भेजेगा। जिलाधिकारी इन प्रस्तावों पर सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करेंगे। अंतिम प्रस्ताव तैयार होने के बाद इसे राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा।
दिसंबर में अधिसूचना, जनवरी में चुनाव
प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। संभावना है कि 25 दिसंबर के आसपास निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद जनवरी 2024 के मध्य तक चुनाव संपन्न होने की उम्मीद है।
यह नई नियमावली प्रदेश के निकाय चुनावों में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करेगी, जिससे ओबीसी समुदाय को उनके अधिकारों का समुचित लाभ मिल सकेगा।