बेरीनाग: उत्तराखंड में इंसानियत को झकझोर देने वाली एक घटना सामने आई है। हल्द्वानी में एंबुलेंस न मिलने और मनमाना किराया मांगे जाने के कारण एक युवती को अपने भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर अपने गांव बेरीनाग ले जाना पड़ा। घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
सीएम धामी का सख्त रुख
मुख्यमंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को निर्देश दिया गया है कि मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही, प्रदेश के सभी मोर्चरी केंद्रों और एंबुलेंस सेवाओं की स्थिति की समीक्षा कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
घटना की पूरी कहानी
पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के तमोली ग्वीर गांव की रहने वाली शिवानी हल्द्वानी में काम करती थीं। शिवानी ने कुछ महीने पहले अपने छोटे भाई अभिषेक को भी हल्द्वानी बुला लिया था। दोनों वहां एक कंपनी में काम करते थे। घटना वाले दिन अभिषेक ने सिर दर्द की शिकायत की और काम से छुट्टी लेकर अपने कमरे पर चला गया।
शिवानी ने जब अपने भाई से संपर्क करने की कोशिश की, तो कोई जवाब नहीं मिला। थोड़ी देर बाद पुलिस ने शिवानी को सूचना दी कि अभिषेक का शव रेलवे पटरी के पास मिला है। पुलिस की मदद से शिवानी ने अपने भाई को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एंबुलेंस न मिलने से छत पर बांधना पड़ा शव
पोस्टमार्टम के बाद जब शिवानी ने भाई के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम करना चाहा, तो एंबुलेंस चालकों ने 10 से 15 हजार रुपये तक की मांग की। आर्थिक तंगी के चलते शिवानी यह रकम नहीं जुटा पाईं। मजबूरी में उन्होंने एक टैक्सी चालक से संपर्क किया, लेकिन टैक्सी पहले से भरी हुई थी। आखिरकार शिवानी ने अपने भाई के शव को टैक्सी की छत पर बांधकर 195 किलोमीटर दूर अपने गांव पहुंचाया।
गांव में छाया मातम, परिवार शोक में डूबा
अभिषेक की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। घर का इकलौता बेटा अब नहीं रहा। पूरे गांव में शोक का माहौल है। घटना ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर कर दिया है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
घटना के बाद अस्पताल में मौजूद अन्य तीमारदारों ने आरोप लगाया कि निजी एंबुलेंस सेवाओं पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। वे मनमाने दाम वसूलते हैं, जिससे आम जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
प्रशासन ने की आर्थिक मदद
घटना के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी के निर्देश पर स्वास्थ्य और तहसील प्रशासन की टीम ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। अभिषेक के माता-पिता को सांत्वना दी और 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष से और मदद दिलाने का भरोसा दिलाया।
भविष्य के लिए उठाए जाएंगे कदम
स्वास्थ्य सचिव ने कुमाऊं क्षेत्र में मोर्चरी केंद्रों और एंबुलेंस सेवाओं की उपलब्धता का जायजा लेने का निर्देश दिया है। हल्द्वानी मोर्चरी केंद्र में एंबुलेंस की अनुपलब्धता की सूचना के बाद वहां नई एंबुलेंस तैनात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
यह घटना राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े करती है और तत्काल सुधार की आवश्यकता को दर्शाती है।