उत्तराखंड में सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गोवंशीय पशुओं की समस्या के स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार ने गंभीर पहल शुरू कर दी है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को सचिवालय में उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड के तहत गोसदनों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को तेजी से काम पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में राज्य में निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या 20,887 है।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन पशुओं के संरक्षण और देखभाल के लिए सरकार ने 62 नए गोसदनों के निर्माण का प्रस्ताव किया है। इनमें से 13 गोसदनों का निर्माण कार्य जारी है, जबकि अन्य के लिए भूमि चयन और धनराशि आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। उन्होंने निर्माणाधीन और पहले से संचालित गोसदनों की नियमित निगरानी और रखरखाव पर जोर दिया।
निराश्रित गोवंशीय पशुओं के लिए क्या है स्थिति?
- कुल निराश्रित गोवंशीय पशु: 20,887
- सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त आश्रय स्थलों में रह रहे पशु: 14,848
- पिछले वर्ष गोसदनों में भेजे गए निराश्रित पशु: 2,134
जिलेवार निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या
जिला | संख्या |
---|---|
पौड़ी | 5,525 |
ऊधम सिंह नगर | 4,955 |
टिहरी | 2,259 |
नैनीताल | 2,155 |
देहरादून | 2,050 |
अल्मोड़ा | 1,536 |
हरिद्वार | 803 |
चंपावत | 708 |
चमोली | 360 |
उत्तरकाशी | 359 |
रुद्रप्रयाग | 106 |
बागेश्वर | 47 |
पिथौरागढ़ | 24 |
62 नए गोसदनों के निर्माण की योजना
मुख्य सचिव ने बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 62 गोसदनों का निर्माण प्रस्तावित है। इनमें से 36 गोसदनों के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। पंचायती राज विभाग को 26 गोसदनों का निर्माण सौंपा गया है, जिसके लिए 10 करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी कर दी गई है।
तकनीकी और मॉनिटरिंग पर विशेष जोर
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गोवंशीय पशुओं की समस्या का दीर्घकालिक समाधान सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकी और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग अनिवार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने सभी गोवंशीय पशुओं की जियो टैगिंग और उनकी पूरी जानकारी एक एप व डैशबोर्ड में दर्ज करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, “गोसेवक योजना” के दायरे को बढ़ाने और इसके प्रभावी संचालन पर बल दिया।
आश्रय स्थलों की सुविधाओं पर निर्देश
मुख्य सचिव ने गोसदनों में चारा, चिकित्सा, प्रकाश और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी और समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गोवंश को सुरक्षित स्थानों पर लाने और उनकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सभी नगर निकायों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
इस बैठक में सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम, नितेश कुमार झा, चंद्रेश कुमार, और वी षणमुगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।