दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल को नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) की मान्यता मिलने पर आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज पर 15% तक अतिरिक्त भुगतान मिलेगा। इस मान्यता को हासिल करने के लिए अस्पताल प्रबंधन तेजी से आवश्यक मानकों को पूरा करने में जुटा हुआ है। एनएबीएच मान्यता दो चरणों में दी जाती है। पहले चरण की मान्यता मिलने पर आयुष्मान योजना के तहत इलाज के प्रत्येक पैकेज पर 10% अधिक भुगतान होता है, जबकि पूर्ण मान्यता प्राप्त होने पर यह बढ़कर 15% तक हो जाता है। यह प्रक्रिया बेहद जटिल और विस्तृत है, जिसके चलते दून अस्पताल प्रबंधन को हर कदम पर सतर्कता बरतनी होगी।
मान्यता के लिए उठाए जा रहे कदम
अस्पताल की प्राचार्य डॉ. गीता जैन ने सभी 48 विभागों से मरीजों के उपचार और उनकी आभा आईडी का विस्तृत विवरण मांगा है। साथ ही, सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सभी विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करवाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। अस्पताल प्रशासनिक समन्वयक डॉ. राजेंद्र खंडूरी के अनुसार, एनएबीएच प्रमाणन के लिए बेहतर वर्ककल्चर एक अहम मानक है। इसे ध्यान में रखते हुए, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सुविधाओं और वेतन समय पर सुनिश्चित करने के लिए संबंधित कंपनियों से नियमित जानकारी ली जा रही है।
लाभ और भविष्य की योजना
यदि दून अस्पताल को यह मान्यता मिलती है, तो यह गढ़वाल मंडल का पहला अस्पताल होगा जिसे यह उपलब्धि प्राप्त होगी। इसके बाद हर चार साल में मान्यता का नवीनीकरण किया जाएगा और अस्पताल की व्यवस्थाओं का नियमित मूल्यांकन किया जाएगा। कमी पाए जाने पर पहली बार एक महीने और दूसरी बार तीन महीने का समय सुधार के लिए दिया जाएगा। एनएबीएच मान्यता मिलने से आयुष्मान योजना के तहत अस्पताल को मिलने वाले भुगतान में वृद्धि होगी, जिससे आर्थिक मजबूती आएगी। अस्पताल प्रशासन युद्ध स्तर पर मानक पूरा करने में जुटा है ताकि इस उपलब्धि को जल्द से जल्द हासिल किया जा सके।