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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई हेली एंबुलेंस सेवा अब उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में जरूरतमंदों के लिए जीवन रेखा साबित हो रही है। हाल ही में एक गर्भवती महिला को आपातकालीन स्थिति में उत्तरकाशी से हेली एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया।

हेली एंबुलेंस से बचाई गई जान

उत्तरकाशी से एम्स ऋषिकेश की दूरी 160 किलोमीटर से अधिक है और सड़क मार्ग से यात्रा में 8 से 9 घंटे लगते हैं। गर्भवती महिला की हालत गंभीर होने के कारण सड़क मार्ग से लाना जोखिम भरा हो सकता था। ऐसे में प्रशासन ने एम्स ऋषिकेश की हेली एंबुलेंस सेवा का उपयोग कर महिला को सुरक्षित एयरलिफ्ट किया। यह सेवा, विशेषकर आपातकालीन चिकित्सा परिस्थितियों में, पहाड़ी क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने की थी सेवा की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर 2024 को एम्स ऋषिकेश में वर्चुअल माध्यम से हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ किया था। इस सेवा को ‘संजीवनी योजना’ के तहत उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में लागू किया गया है। खासतौर पर राज्य के 11 पहाड़ी जिलों के लिए यह सेवा चिकित्सा सुविधा तक त्वरित पहुंच प्रदान कर रही है।

मुफ्त और त्वरित चिकित्सा सुविधा

इस हेली एंबुलेंस सेवा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से नि:शुल्क है। प्राकृतिक आपदाओं, सड़क दुर्घटनाओं और गंभीर चिकित्सा आपातकाल के दौरान यह सेवा मरीजों को समय पर उपचार दिलाने में अहम भूमिका निभा रही है। एम्स ऋषिकेश हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने वाला देश का पहला संस्थान है।

उत्तराखंड में यह सेवा न केवल लोगों को त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध करा रही है बल्कि पहाड़ों में जीवन बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

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