हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए बुधवार सुबह हरिद्वार नगर निगम कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण सुबह करीब 10:10 बजे हुआ, जहां डीएम ने पाया कि कुल 73 कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचे थे।
डीएम ने गैरहाज़िर कर्मचारियों का काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के चलते उन्होंने सभी का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। जिलाधिकारी ने कार्यालय की अन्य व्यवस्थाओं का भी बारीकी से निरीक्षण किया और कार्यप्रणाली में सुधार के निर्देश दिए।
सूचना पटल पर मिली अनियमितता, कड़े निर्देश जारी
निरीक्षण के दौरान सूचना का अधिकार से संबंधित पटल का जायजा लेते हुए डीएम ने पाया कि रजिस्टर अपडेट नहीं था। उन्होंने इसे तुरंत अपडेट करने और प्रविष्टियां सही ढंग से अंकित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने विभागों को सभी महत्वपूर्ण कागजात सुरक्षित रखने की सख्त हिदायत दी।
सफाई व्यवस्था और फील्ड कार्मिकों पर विशेष ध्यान
जिलाधिकारी ने शहर की सफाई व्यवस्था और फील्ड कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निगम के रूटीन कार्य किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होने चाहिए।
अनुशासनहीनता पर होगी सख्त कार्रवाई
डीएम ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए कि कार्यालय से अनुपस्थिति तभी मान्य होगी जब अवकाश पूर्व स्वीकृत हो। जनता के पहुंचने से पहले कर्मचारियों का कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है।
जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसे औचक निरीक्षण लगातार जारी रहेंगे। यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी अनुपस्थित पाया गया, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
डीएम का यह कदम प्रशासनिक अनुशासन को सुदृढ़ करने और सरकारी कार्यालयों में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम प्रयास है।
यह भी पढें- उत्तराखंड सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को अपनी संपत्तियों को बाजार दर पर किराये या लीज पर देने की दी अनुमति