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सर्दियों के मौसम में कोहरे के चलते देहरादून से विभिन्न रूटों पर चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार पर असर पड़ा है। आम दिनों में 110 किमी प्रति घंटे की औसत गति से चलने वाली ट्रेनें अब मात्र 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही हैं। इस कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में अधिक समय लग रहा है।

16 ट्रेनों का संचालन प्रभावित

देहरादून से दिल्ली, हावड़ा, सूबेदारगंज, लखनऊ, आनंदविहार, टनकपुर, ओखा, नई दिल्ली, काठगोदाम, और कोटा समेत अन्य रूटों पर चलने वाली 16 ट्रेनों पर कोहरे का सीधा प्रभाव पड़ा है। ट्रेनों की धीमी गति के कारण यात्रियों को अपनी यात्रा में देरी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे ने इस स्थिति से निपटने के लिए लोको पायलटों को फॉग सेफ डिवाइस (एफएसडी) उपलब्ध कराई है। यह डिवाइस लोको पायलटों को जीपीएस के माध्यम से आगे आने वाले सिग्नलों और अन्य जानकारी समय पर देने में सहायक है।

लोको पायलटों को निर्देश: सतर्क रहें

ठंड के मौसम में ट्रेनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे प्रबंधन ने लोको पायलटों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। ट्रेनों को धीमी गति से चलाने का फैसला दृश्यता कम होने और संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लिया गया है। देहरादून रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक रविंद्र कुमार के अनुसार, लोको पायलटों को सिग्नलों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है।

यात्रियों को हो रही परेशानियां

कोहरे के कारण ट्रेनों की धीमी गति से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। रोजाना लगभग 14,000 यात्री देहरादून रेलवे स्टेशन से यात्रा करते हैं, और देरी के कारण उन्हें गंतव्य तक पहुंचने में अधिक समय लग रहा है। इससे यात्रा के दौरान उनकी योजनाओं पर भी असर पड़ रहा है।

ठंड में सुरक्षा प्राथमिकता

ठंड के मौसम में अक्सर रेल दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, जिसे ध्यान में रखते हुए रेलवे पहले से ही अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। लोको पायलटों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें और ट्रेन संचालन के दौरान अत्यधिक सतर्कता रखें।

रेलवे का यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, लेकिन कोहरे के कारण रफ्तार में कमी ने यात्रियों को असुविधा में डाल दिया है।

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