उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से चल रही योजना “सशक्त उत्तराखंड @ 25” की समीक्षा बैठक सोमवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। हालांकि, शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये और बैठक में उनकी अनुपस्थिति ने मुख्य सचिव को नाराज कर दिया।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की कमी से नाराजगी
सुबह 11 बजे सचिवालय में हुई इस अहम बैठक में केवल दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु और नियोजन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, उपस्थित रहे। जबकि 10 से अधिक सचिव और प्रभारी सचिव अनुपस्थित थे। मुख्य सचिव ने इस गैरहाजिरी को बेहद गंभीरता से लेते हुए सचिव स्तर के सभी अधिकारियों को अपने कार्यालय में बुलाया और कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में अगर ऐसा दोबारा हुआ, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अनुपस्थिति की पुरानी प्रवृत्ति पर कड़ा रुख
यह पहली बार नहीं है जब सशक्त उत्तराखंड से संबंधित समीक्षा बैठकों में वरिष्ठ अधिकारियों ने उपेक्षा दिखाई है। ऐसी बैठकों में अक्सर अधिकारी अपनी जगह अधीनस्थ अधिकारियों को भेज देते हैं। मुख्य सचिव ने इस प्रवृत्ति को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह की बैठकों में सचिवों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
सशक्त उत्तराखंड @ 25: विकास का संकल्प
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्राथमिकता दी जाने वाली इस योजना के तहत राज्य को 2025 तक हर क्षेत्र में सशक्त और विकसित बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस संदर्भ में मुख्य सचिव ने सभी विभागों को दिए गए लक्ष्यों को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में तय किया गया कि प्रत्येक विभाग की कार्ययोजनाओं की नियमित समीक्षा होगी और विकास के सभी लक्ष्यों को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा।
प्रगति की समीक्षा और लक्ष्यों पर जोर
करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में मुख्य सचिव ने विभागवार कार्ययोजनाओं की प्राथमिकता के आधार पर समीक्षा के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि सशक्त उत्तराखंड 2025 के लक्ष्य को धरातल पर उतारने के लिए गंभीरता और मनोयोग से काम करें। उन्होंने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए इस योजना के तहत बनाई गई रणनीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव की नाराजगी और सख्त रवैया इस बात का संकेत है कि सरकार सशक्त उत्तराखंड 2025 के लक्ष्यों को लेकर पूरी तरह गंभीर है। इसके तहत राज्य के विकास के लिए हर विभाग को अपने दायित्वों को समय पर पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
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