पिथौरागढ़, उत्तराखंड – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौलजीबी मेले के दौरान पिथौरागढ़, धारचूला, गंगोलीहाट, और डीडीहाट क्षेत्रों में 2964.89 लाख रुपये की लागत से 13 परियोजनाओं का लोकार्पण और 3472.36 लाख रुपये की पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह योजनाएं सीमांत क्षेत्र के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इस अवसर पर धामी ने यह भी कहा कि जौलजीबी मेला उत्तराखंड सरकार की एक धरोहर है, जो भारत, नेपाल, और तिब्बत के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ करता है।
लोकार्पित योजनाएं:
पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र:
- बजेटी चंडाक पिथौरागढ़ में बहुमंजिला पार्किंग – 344.36 लाख।
- पुलिस कार्यालय के समीप सरफेरा पार्किंग – 139.9 लाख।
- जिला अस्पताल बेसमेंट में इमरजेंसी वार्ड द्वितीय दल में हाल – 116.54 लाख।
- बडारी-सिलौनी पंपिंग पेयजल योजना – 499.51 लाख।
- पाली क्लीनिक निर्माण – 261.33 लाख।
- कुक्कुट पालन क्षेत्र बिण डीपलीटर और डालमेंट्री – 307.34 लाख।
धारचूला विधानसभा क्षेत्र:
- उच्छैती ढीलम मार्ग पर स्टील गार्डर सेतु निर्माण – 554.86 लाख।
- होम्योपैथिक अस्पताल का आवासीय भवन निर्माण – 20.76 लाख।
- धारचूला स्टेडियम में पर्वतारोहण दीवार निर्माण – 131.50 लाख।
गंगोलीहाट विधानसभा क्षेत्र:
- गणाईगंगोली-बनकोट मार्ग का सुधारीकरण और डामरीकरण – 284.15 लाख।
- अरारी पेयजल योजना – 90.91 लाख।
- बेरीनाग के बड़ेत सानी गांव में पेयजल योजना – 140.58 लाख।
डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र:
- पशु सेवा केंद्र हचीला निर्माण – 65.15 लाख।
शिलान्यास की गई परियोजनाएं:
- मड़मानले-दोबास मार्ग पर बारमों सड़क तक डामरीकरण – 189.01 लाख।
- पाताल भुवनेश्वर में मानस मंदिर मिशन योजना – 239.92 लाख।
- तोराथल तक पांच किलोमीटर मार्ग का पुनर्निमाण – 235.4 लाख।
- पिथौरागढ़ पांडेय गांव पुल से न्यूसेरा तक नाला कवर कर मोटर मार्ग निर्माण – 759.3 लाख।
- राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ में 50 बेडेड क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण – 2048.73 लाख।
धामी ने इस दौरान क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य घोषणाएं भी कीं, जिनमें व्यास घाटी में कुटी नदी के कटाव से सुरक्षा के लिए कार्य, गुंजी गांव में कटाव से सुरक्षात्मक कार्य, और बिर्थी झरने पर ग्लास पुल निर्माण प्रमुख हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीमांत क्षेत्रों के विकास की अवधारणा को साकार किया जा रहा है। जौलजीबी मेला जैसे आयोजन सीमांत क्षेत्रों की आर्थिक प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।