उत्तराखंड में शिक्षा और तकनीकी क्षेत्र को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के उद्देश्य से टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज को आईआईटी रुड़की का पर्वतीय परिसर बनाने की योजना को मंजूरी मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा के बाद से ही इस पर काम शुरू हो गया है। तकनीकी शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में 7 सितंबर 2024 को आईआईटी रुड़की में इस संबंध में बैठक आयोजित हुई थी, जिसके बाद इसकी दिशा और कार्य योजना तय की गई।

टिहरी में उच्चस्तरीय शोध परिसर की स्थापना

टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज में एक उच्चस्तरीय शोध परिसर स्थापित करने की योजना है, जिसमें आईआईटी रुड़की के मार्गदर्शन में पीएचडी और एमटेक जैसे उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकेंगे। इस कैंपस में अनुसंधान और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर प्रदान करने के लिए एक मुख्य समिति का गठन भी किया जाएगा, जिसमें आईआईटी रुड़की, टीएचडीसी टिहरी, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, राज्य सरकार और उद्योग के विशेषज्ञ शामिल होंगे।

भविष्य की रूपरेखा और आवश्यक सुधार

तकनीकी शिक्षा सचिव ने बताया कि कॉलेज को आईआईटी रुड़की के मानकों के अनुरूप बनाने के लिए व्यापक सुधार की आवश्यकता है। इस दिशा में कार्य करते हुए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा और आवश्यक सुधारों के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

यूजी पाठ्यक्रम रहेंगे संचालित

इस योजना के तहत वर्तमान में टीएचडीसी टिहरी में चल रहे अंडरग्रेजुएट (यूजी) पाठ्यक्रमों को जारी रखा जाएगा, साथ ही शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी अपनी सेवाएं देते रहेंगे। इन सभी गतिविधियों में आईआईटी रुड़की का मार्गदर्शन लिया जाएगा ताकि कैंपस को उन्नत तकनीकी शिक्षा का केंद्र बनाया जा सके।

तकनीकी शिक्षा विभाग का पूर्ण सहयोग

तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक, टीएचडीसी और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के सीएमडी की एक विशेष समिति बनाई जाएगी, जो भविष्य की दिशा को तय करने में सहयोग देगी। विभाग प्रशासनिक निर्णयों में प्रमुख भूमिका निभाएगा ताकि इस परियोजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा सके।आईआईटी रुड़की का यह नया परिसर न केवल उत्तराखंड में उच्चस्तरीय तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि राज्य में शोध और नवाचार के नए अवसर भी प्रदान करेगा।

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