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ऋषिकेश: उत्तराखंड की एलयूसीसी (लक) कोऑपरेटिव सोसाइटी में कथित धोखाधड़ी का मामला सामने आने से हजारों निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। कोटद्वार में इस सोसाइटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने और ऋषिकेश के कार्यालय से हुई गिरफ्तारियों के बाद निवेशकों को अपनी जमा पूंजी डूबने का डर सताने लगा है। ऋषिकेश, डोईवाला और अन्य शाखाओं से जुड़े एजेंट और निवेशक इस घटनाक्रम से बेहद परेशान हैं। इस फर्जीवाड़े में कई एजेंट्स और निवेशकों का करोड़ों रुपये का निवेश फंसा हुआ है।

सहकारिता मंत्रालय से जुड़े होने का दावा कर निवेशकों को फंसाया

स्थानीय निवेशकों का कहना है कि एलयूसीसी कोऑपरेटिव सोसाइटी ने सहकारिता मंत्रालय से जुड़े होने का दावा किया था। ऋषिकेश निवासी ममता ने बताया कि उन्होंने इस सोसाइटी में अपना पैसा इस भरोसे से निवेश किया था कि यह सरकार से मान्यता प्राप्त है। सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप पर सहकारिता मंत्रालय से जुड़े होने के बैनर और पोस्टर साझा किए जाते थे, जिससे निवेशकों का विश्वास बना। बताया जा रहा है कि कई निवेशकों को उनके पैसे को दोगुना करने की योजना बताई गई थी, परंतु लंबे समय से किसी को रिटर्न नहीं मिला है।

मुख्य कार्यालय खाली, निवेशक रह गए मायूस

ऋषिकेश के आइडीपीएल क्षेत्र में स्थित मुख्य कार्यालय पर अब कोई कर्मचारी नजर नहीं आ रहा है। निवेशकों का कहना है कि उनकी कई कमेटियां पूरी हो चुकी हैं, लेकिन महीनों से उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया है। पुलिस चौकी आइडीपीएल के प्रभारी कविंद्र राणा के अनुसार, कोटद्वार कोतवाली में सोसाइटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। हालांकि, ऋषिकेश और अन्य क्षेत्रों से अभी तक पुलिस को कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर पुलिस कार्रवाई करेगी।

विदेश यात्रा और कार का लालच देकर एजेंट्स को जोड़ा

एलयूसीसी सोसाइटी के अधिकारियों ने एजेंट्स को प्रलोभन देकर इस स्कीम से जोड़ा। बताया जाता है कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले एजेंट्स को विदेश यात्रा और कार का प्रलोभन दिया जाता था। हर साल सोसाइटी कुछ एजेंट्स को एशियाई देशों की यात्रा पर भी भेजती थी। इनमें से अधिकांश एजेंट्स महिलाएं थीं, जिन्हें खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में तैनात किया गया था। इन एजेंट्स ने सोसाइटी की योजनाओं को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई।

एजेंट्स पर भड़के निवेशक, फर्जीवाड़े के खिलाफ आवाज बुलंद

एलयूसीसी कोऑपरेटिव सोसाइटी का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद अब निवेशक अपने पैसे की वापसी के लिए एजेंट्स के घरों का रुख कर रहे हैं। नाराज निवेशक एजेंट्स पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं और कुछ को तीखे शब्दों का सामना भी करना पड़ रहा है। वहीं, कुछ एजेंट्स खुद भी सोसाइटी के खिलाफ खुलकर सामने आ रहे हैं और अन्य को इस फर्जीवाड़े का हिस्सा मानने में संकोच हो रहा है। यह मामला उत्तराखंड में सहकारिता सोसायटी से जुड़े निवेशकों के विश्वास को एक गहरा झटका दे रहा है।

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