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ऋषिकेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर को एम्स ऋषिकेश से संजीवनी योजना के अंतर्गत उत्तराखंड की पहली हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ किया। यह सेवा प्रदेश के सभी 13 जिलों में उपलब्ध होगी और आपदाओं व दुर्घटनाओं में घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करेगी। इस योजना के तहत मरीजों को निःशुल्क सेवा दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक पहल का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया, जिससे एम्स ऋषिकेश हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने वाला देश का पहला संस्थान बन गया।

मुख्यमंत्री और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुआ शुभारंभ

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक, प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि उद्घाटन कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ कई सांसद और विधायक भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि सेवा का ट्रायल कई बार सफलतापूर्वक किया जा चुका है और अब यह पूरे प्रदेश में कार्यान्वित की जाएगी।

दुर्घटनाओं और आपदाओं में घायलों को मिलेगी प्राथमिकता

एम्स ऋषिकेश ने इस बात को सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की है कि सेवा का उपयोग केवल वास्तविक जरूरतमंदों तक सीमित रहे। किसी दुर्घटना की स्थिति में मरीज को पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल में ले जाया जाएगा। यदि डॉक्टर मरीज की स्थिति को गंभीर पाएंगे और तत्काल चिकित्सा आवश्यक होगी, तो स्थानीय प्रशासन की मदद से हेली एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। सबसे गंभीर स्थिति वाले मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी।

उत्तराखंड और सीमावर्ती क्षेत्रों को मिलेगा लाभ

हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ न केवल उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में बल्कि उत्तर प्रदेश से सटे कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में भी मिलेगा। आपदा प्रबंधन कार्यालयों को इस सेवा से जोड़ा गया है ताकि बड़ी दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं के समय भी मरीजों को त्वरित मदद दी जा सके।

संजीवनी योजना:

केंद्र और राज्य का संयुक्त प्रयास प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि *संजीवनी योजना* का संचालन केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से किया जा रहा है, जिसमें दोनों सरकारें 50-50% खर्च साझा करेंगी। योजना के तहत हर महीने कम से कम 30 जरूरतमंद मरीजों को हेली एंबुलेंस का लाभ देना अनिवार्य है। भविष्य में इस सेवा को आयुष्मान भारत योजना से भी जोड़ने की योजना है, ताकि और अधिक मरीजों को इसका फायदा मिल सके।

उन्नत सुविधाओं से लैस होगी हेली एंबुलेंस

यह हेली एंबुलेंस सभी आधुनिक जीवनरक्षक उपकरणों से सुसज्जित होगी, जिनमें वेंटिलेटर और अन्य जरूरी मेडिकल उपकरण शामिल हैं। एंबुलेंस में एक समय में एक मरीज को ले जाने की क्षमता होगी और मरीजों की देखभाल के लिए चिकित्सक व प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ भी तैनात रहेगा।

आपातकालीन सेवाओं में अहम भूमिका निभाएगी नई सुविधा

प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि यह सेवा उत्तराखंड की भौगोलिक चुनौतियों को देखते हुए बेहद प्रभावी साबित होगी। आपदा या सड़क दुर्घटना के दौरान जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय की सिफारिश पर हेली एंबुलेंस का उपयोग किया जाएगा, जिससे घायलों को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सकेगी। हेली एंबुलेंस सेवा के शुभारंभ से उत्तराखंड में चिकित्सा सुविधाओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जो न केवल जीवन बचाने में मददगार होगी, बल्कि प्रदेश की आपातकालीन सेवाओं को भी एक नया आयाम देगी।

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